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ट्रंप का सपना टूटने पर व्हाइट हाउस का बयान, कहा- नोबेल समिति राजनीति ऊपर रखती है
डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल पुरस्कार न मिलने पर व्हाइट हाउस का बयान

ट्रंप का सपना टूटने पर व्हाइट हाउस का बयान, कहा- नोबेल समिति राजनीति ऊपर रखती है

लेखन गजेंद्र
Oct 10, 2025
05:12 pm

क्या है खबर?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार 2025 की घोषणा से बड़ा झटका लगा है। यह पुरस्कार इस बार वेनेजुएला की मारिया कोरिना मचाडो को दिया गया है। नोबेल समिति के इस फैसले की व्हाइट हाउस ने आलोचना की है और इसे राजनीति से प्रेरित बताया है। व्हाइट हाउस ने पुरस्कार की घोषणा के बाद कहा कि नोबेल समिति ने साबित कर दिया है कि वह शांति से ज्यादा राजनीति को ऊपर रखता है।

बयान

व्हाइट हाउस ने क्या कहा?

व्हाइट हाउस के संचार महानिदेशक और ट्रंप के सहायक स्टीवन चेउंग ने एक्स पर नोबेल समिति की पोस्ट को आगे बढ़ाते हुए लिखा, 'राष्ट्रपति ट्रंप शांति समझौते करते रहेंगे, युद्ध समाप्त करते रहेंगे और जानें बचाते रहेंगे। उनका हृदय मानवतावादी है, और उनके जैसा कोई नहीं होगा जो अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से पहाड़ों को हिला सके। नोबेल समिति ने साबित कर दिया है कि वे शांति से ज्यादा राजनीति को महत्व देते हैं।'

पुरस्कार

क्यों मिला वेनेजुएला की मारिया कोरिना मचाडो को नोबेल?

नोबेल पुरस्कार समिति ने वेनेजुएला के लोगों के लिए लोकतांत्रिक अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाली महिला मारिया कोरिना मचाडो को पुरस्कार दिया है। समिति ने उनके अथक कार्य और तानाशाही से लोकतंत्र में जाने के लिए न्यायसंगत और शांतिपूर्ण बदलाव प्राप्त करने के उनके संघर्ष के लिए उनको चुना है। मचाडो हाल के समय में लैटिन अमेरिका में नागरिक साहस के सबसे असाधारण उदाहरणों में से एक हैं।

पहचान

कौन हैं मारिया मचाडो?

मचाडो ने इंजीनियरिंग और वित्त की पढ़ाई की है और कुछ समय तक व्यवसाय भी किया है। उन्हें वेनेजुएला में विपक्ष की आवाज माना जाता है और आयरन लेडी के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। वर्ष 1967 को कराकास में जन्मी मारिया की मां एक मनोवैज्ञानिक और पिता कारोबारी थे। उन्होंने 1992 में बेघर बच्चों के लिए कराकस में एटेनिया फाउंडेशन की स्थापना की थी। मचाडो ने वेनेजुएला में तानाशाही के खिलाफ लोकतंत्र की आवाज बुलंद की है।

दावा

ट्रंप लगातार कर रहे थे नोबेल पाने के लिए खुद का प्रचार

राष्ट्रपति ट्रंप लगातार खुद को नोबेल देने की मांग कर रहे थे। वे हर मंच पर दावा कर रहे थे कि उन्होंने 8 युद्ध रुकवा दिए हैं, इसलिए उन्हें पुरस्कार मिलना चाहिए। ट्रंप ने यहां तक कह दिया था कि उन्हें पुरस्कार नहीं मिलना अमेरिका का अपमान होगा। ट्रंप ने शांति पुरस्कार की घोषणा से एक दिन पहले गाजा युद्धविराम का ऐलान किया। ट्रंप को नोबेल के लिए पाकिस्तान, इजरायल, कंबोडिया, अजरबैजान, आर्मेनिया, रवांडा और गैबॉन ने समर्थन किया था।