ट्रंप के H-1B वीजा संबंधी बयान पर प्रशासन की सफाई, कहा- अमेरिकियों को प्रशिक्षित करके जाएं
क्या है खबर?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश में प्रतिभाशाली लोगों की कमी बताकर H-1B वीजा पर कुछ सकारात्मक रुख दिखाया था, जिससे विवाद खड़ा हो गया। अब उनके प्रशासन ने सफाई दी है। वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति ट्रंप की नई H-1B वीजा नीति का उद्देश्य अमेरिकी कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने का है, न की प्रवासी विशेषज्ञों को प्रतिस्थापित करने का। बेसेंट ने फॉक्स न्यूज से साक्षात्कार में ट्रंप की नीति को 'ज्ञान हस्तांतरण' रणनीति बताया।
बयान
बेसेंट ने क्या कहा?
बेसेंट ने कहा कि ट्रंप की नई वीजा नीती का उद्देश्य वर्षों के आउटसोर्सिंग के बाद विनिर्माण, जहाज निर्माण और अर्धचालक उत्पादन जैसे अमेरिकी उद्योगों को पुनर्जीवित करना है। उन्होंने कहा, "अमेरिकी कामगारों को प्रशिक्षित करें। फिर घर जाएं। फिर अमेरिकी कामगार पूरी तरह से कार्यभार संभालेंगे।" उन्होंने कहा, "अमेरिका ने वर्षों से जहाज या सेमीकंडक्टर नहीं बनाए। विदेशी साझेदार आ रहे हैं, अमेरिकी कामगारों को सिखा रहे हैं। एक अमेरिकी को वह नौकरी नहीं मिल सकती- अभी तो नहीं।"
आशय
ट्रंप के बयान का आशय क्या है?
बेसेंट ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप का लक्ष्य H-1B जैसे अस्थायी वीजा कार्यक्रमों का उपयोग सीमित समय के लिए अमेरिकियों के लिए विशेषज्ञता आयात करने के लिए करना है। इससे अमेरिकी कर्मचारियों को विदेशी पेशेवरों के स्वदेश लौटने से पहले कौशल हासिल करने का अवसर मिल सकेगा और वे कुशल होंगे। उन्होंने बताया कि योजना महत्वपूर्ण उद्योगों को अमेरिका वापस लाने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए ट्रंप के व्यापक प्रयास के अनुरूप है।
बयान
ट्रंप ने क्या कहा था?
ट्रंप से फॉक्स न्यूज के साथ साक्षात्कार में पूछा गया कि क्या उनका प्रशासन H1-B वीजा में कटौती करेगा, क्योंकि उन्हें चिंता है कि इससे अमेरिकी श्रमिकों के वेतन में कमी आएगी। इसपर ट्रंप ने कहा, "मैं सहमत हूं, लेकिन आपको प्रतिभा लानी होगी, जो हमारे पास नहीं हैं। हमारे पास खास प्रतिभा नहीं है। लोगों को सीखना होगा।" उन्होंने कहा कि लंबे समय से बेरोजगार अमेरिकियों को बिना प्रशिक्षण विनिर्माण और रक्षा जैसी जटिल भूमिकाओं में नहीं लगा सकते।