अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024: डोनाल्ड ट्रंप ने कैसे तय किया दोबारा सत्ता तक पहुंचने का रास्ता?
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव की मतगणना जारी है। अब की मतगणना में रिपब्लिकन पार्टी उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप का राष्ट्रपति बनना तय नजर आ रहा है। वह टेक्सास और ओहियो, जॉर्जिया और उत्तरी कैरोलिना सहित 24 राज्यों में जीत हासिल कर चुके हैं, जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी और डेमोक्रेटिक पार्टी उम्मीदवार कमला हैरिस कैलिफोर्निया और न्यूयॉर्क सहित 15 राज्यों में जीत दर्ज करने में सफल रही है। ऐसे में आइए जानते हैं कि ट्रंप ने जीत का सफर कैसे तय किया।
इलेक्टोरल वोट में क्या है दोनों की स्थिति?
मतगणना के अनुसार, ट्रंप ने अब तक 267 इलेक्टोरल वोट अपने नाम कर लिए हैं, जबकि हैरिस को अभी तक 224 वोट ही मिले हैं। हालांकि, फोक्स न्यूज ने ट्रंप के 277 इलेक्टोरल वोट के साथ उनकी जीत की घोषणा भी कर दी है।
ट्रंप को मिला सत्ता विरोधी भावना का लाभ
ट्रंप की इस संभावित जीत का बड़ा कारण अमेरिका में व्याप्त प्रबल सत्ता विरोधी भावना का होना है। ABC/इप्सोस पोल में 74 प्रतिशत मतदाताओं ने कहा था कि उनके अनुसार देश गलत दिशा में जा रहा है। 1980 से हर चुनाव में सत्ता विरोधी भावना के कारण कोई भी दल लगातार जीत हासिल नहीं कर पा रहा है। हालांकि, हैरिस ने खुद को एक बदलाव के रूप में पेश किया था, लेकिन वह लोगों की भावना को नहीं बदल पाई।
देश की कमजोर अर्थव्यवस्था ने भी दिया ट्रंप का साथ
विशेषज्ञों का मानना है कि देश की बिगड़ी अर्थव्यवस्था का भी ट्रंप को लाभ मिला है। अपने चुनाव अभियान में ट्रंप ने इसको लेकर राष्ट्रपति जो बाइडन पर हमले बोले थे। सर्वेक्षण से पहले 62 प्रतिशत लोगों का मानना था कि देश में आर्थिक स्थिति खराब है। बता दें कि देश में सितंबर में कीमतें एक साल पहले की तुलना में केवल 2.1 प्रतिशत ही बढ़ी हैं और पिछली तिमाही में अर्थव्यवस्था की रफ्तार 2.8 प्रतिशत ही रही है।
ट्रंप ने अवैध इमिग्रेशन के मामले में भी हासिल की बढ़त
ट्रंप के पक्ष में बड़ा कारक अवैध इमिग्रेशन (अप्रवासन) भी रहा है। उन्होंने चुनाव अभियान में जोर दिया कि देश में अवैध इमिग्रेशन के मामले बढ़ रहे हैं और यह अमेरिकी जनता के लिए खतरा बन गया है। उन्होंने दक्षिणी सीमा पर संकट को प्रभावी ढंग से न संभालने के लिए राष्ट्रपति बाइडन की भी आलोचना की और हैरिस को वहां की समस्याओं के लिए दोषी ठहराया था। इसका सीधा असर देश की जनता पर देखने को मिला है।
ट्रंप ने विदेश नीति को लेकर भी बनाई बढ़त
चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने बाइडन सरकार पर विदेश नीति में सही पॉलिसी न अपनाने का आरोप लगाया। हैरिस इस सरकार में उपराष्ट्रपति थीं। ऐसे में जब भी ट्रंप ने रैली में सवाल उठाया तो हैरिस इसमें फंसती नजर आईं। उन्हें चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में यह तक कहना पड़ा कि वे बाइडन प्रशासन से अलग नीति पर काम करेंगी। वह अपनी सरकार की अलग नीति बनाएंगी। हालांकि, उनका यह जवाब भी लोगों को आकर्षित नहीं कर पाया।
ट्रंप की जीत में जेंडर कारक ने भी निभाई भूमिका
ट्रंप की जीत में जेंडर (लिंग) कारक ने भी अहम भूमिका निभाई है। ट्रंप ने 2016 में पहली बार चुनाव जीतने के दौरान हिलेरी क्लिंटन को हराया था। इस बार उनकी विरोधी कमला हैरिस रही। इससे पता चलता है कि कई मतदाताओं को राष्ट्रपति पद पर एक महिला की कल्पना करने में परेशानी होती है। अक्टूबर में न्यूयॉर्क टाइम्स के एक सर्वे में भी सामने आया था कि 55 प्रतिशत पुरुष मतदाताओं में ट्रंप और 41 प्रतिशत हैरिस लोकप्रिय थी।
ट्रंप को उनकी बेबाक शैली ने भी दिलाई बढ़त
ट्रंप की बेबाक शैली और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के उनके वादों ने अश्वेत और लैटिनो पुरुषों को अपनी ओर आकर्षित किया। इससे उन्हें डेमोक्रेटिक आधार के एक महत्वपूर्ण हिस्से को अपने पक्ष में करने में मदद मिली। मजबूत विचारों वाले एक मजबूत व्यक्ति होने और अमेरिका को सबसे पहले रखने का उनका व्यक्तित्व भी उनकी जीत में योगदान देने वाला एक कारक है। चल रहे युद्धों को समाप्त करने पर उनकी टिप्पणियां भी काफी प्रभावी रही।
ग्रामीण वोट हासिल करने में सफल रहे ट्रंप
यह आश्चर्य की बात नहीं है कि ट्रंप ने अमेरिका के ग्रामीण इलाकों में बड़ी जीत हासिल की है। हालांकि, ट्रंप का इन इलाकों में अपनी बढ़त बनाए रखना काफी महत्वपूर्ण रहा। पेंसिल्वेनिया की ग्रामीण काउंटियों में वोटों की गिनती के दौरान सामान्य प्रवृत्ति यह थी कि ट्रंप मतदान में वृद्धि करने और GOP के गढ़ में अपने समर्थन के अंतर को बढ़ाने में सक्षम नजर आए। बाइडन के गृहनगर लैकवाना काउंटी में भी ट्रंप को अच्छे वोट मिले।