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अमेरिकी अदालतों ने भारतीय मूल के सुब्रमण्यम वेदम के निर्वासन पर रोक लगाई, जानिए पूरा मामला
अमेरिका ने भारतीय मूल के सुब्रमण्यम वेदम के निर्वासन पर रोक लगाई

अमेरिकी अदालतों ने भारतीय मूल के सुब्रमण्यम वेदम के निर्वासन पर रोक लगाई, जानिए पूरा मामला

लेखन गजेंद्र
Nov 04, 2025
11:57 am

क्या है खबर?

अमेरिका की 2 अलग-अलग अदालतों ने आव्रजन विभाग को भारतीय मूल के 64 वर्षीय सुब्रमण्यम वेदम का निर्वासन रोकने का आदेश दिया है। वेदम उर्फ सुबू अभी लुइसियाना के अलेक्जेंड्रिया स्थित एक अल्पकालिक हिरासत केंद्र में हैं, जहां निर्वासन के लिए हवाई पट्टी भी है। पेंसिल्वेनिया के वेदम को हत्या के आरोप में 43 साल तक जेल में रखा गया था। हालांकि, यह फैसला अब पलट दिया गया है। आइए, पूरा मामला जानते हैं।

पहचान

कौन हैं वेदम उर्फ सुबू?

वेदम को उनके माता-पिता 9 महीने की उम्र में भारत से अमेरिका लाए थे। उनके पिता पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी में पढ़ाते थे। वेदम ने सरकारी कॉलेज से पढ़ाई की और अमेरिका के नागरिक बने। उनपर 1980 में अपने 19 वर्षीय दोस्त थॉमस किन्सर की हत्या का आरोप लगा। किन्सर दिसंबर 1980 में लापता हुआ था, जिसका शव 9 महीने बाद जंगल में मिला। वेदम को आखिरी बार किन्सर के साथ देखा गया था, इसलिए उनको 1982 में गिरफ्तार किया गया।

सजा

वेदम को 1983 में आजीवन कारावास की सजा हुई

वेदम को बिना किसी ठोस सबूत और गवाह के 1983 में हत्या का दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा हुई थी। एक साल बाद उन्हें मादक पदार्थ से संबंधित अपराध के लिए ढाई से 5 साल की सजा दी गई। पेन्सिल्वेनिया की जेल में, वेदम ने 3 डिग्रियां हासिल कीं। वह शिक्षक बने और कई कैदियों को प्रशिक्षित किया। जेल में रहते हुए ही उनके पिता का देहांत 2009 में, जबकि उनकी मां का देहांत 2016 में हुआ था।

निर्वासन

रिहा हुए, लेकिन आव्रजन अधिकारियों ने हिरासत में लिया

वेदम बेगुनाही साबित करने के लिए 43 साल तक लड़ते रहे और पेंसिल्वेनिया की एक कोर्ट ने वकीलों द्वारा बैलिस्टिक्स के सबूत पेश करने के बाद उनकी सजा को पलट दिया। सबूत अभियोजकों ने दबा रखा था। कोर्ट ने इस साल 3 अक्टूबर को उनको जेल से रिहा कर दिया। हालांकि, रिहाई के तुरंत बाद उनको आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया। ICE वेदम को निर्वासित करना चाहता है।

फैसला

वेदम का निर्वासन क्यों चाहते हैं अमेरिकी अधिकारी?

आव्रजन अधिकारी वेदम को मादक पदार्थ के मामले में निर्वासित करना चाहते हैं, जिसके लिए उसे दोषी ठहराया जा चुका है। उस समय वेदम की उम्र 20 साल थी और उन्होंने इन आरोपों को लेकर दायर याचिका का विरोध नहीं किया था। होमलैंड सुरक्षा विभाग का कहना है कि हत्या के मामले में फैसला पलटने से ड्रग संबंधी सजा रद्द नहीं होती। हालांकि, आव्रजन जज ने उनका निर्वासन आव्रजन अपील ब्यूरो द्वारा मामले की समीक्षा करने तक रोक दिया है।