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अमेरिकी कांग्रेस की स्थायी समिति टैरिफ पर चिंतित, कहा- अमेरिका-भारत साझेदारी को खतरे में डाला
अमेरिकी कांग्रेस की स्थायी समिति ने ट्रंप के टैरिफ फैसले का विरोध किया (तस्वीर: एक्स/@HouseForeign)

अमेरिकी कांग्रेस की स्थायी समिति टैरिफ पर चिंतित, कहा- अमेरिका-भारत साझेदारी को खतरे में डाला

लेखन गजेंद्र
Aug 08, 2025
11:22 am

क्या है खबर?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ से अमेरिका में भी विरोध का तूफान खड़ा हो गया है। रिपब्लिकन नेता निक्की हेली के बाद अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अंतरराष्ट्रीय मामलों और विदेश नीति की स्थायी समिति भी इससे नाराज हैं। हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के रैंकिंग मेंबर हैं और पूर्व चेयरमैन ग्रेगरी वेल्डन मीक्स ने आपत्ति जताते हुए कहा कि टैरिफ ने वर्षों के बनाए संबंधों को खतरे में डाल दिया है।

आपत्ति

समिति के सदस्य मीक्स ने क्या कहा?

समिति के एक्स अकाउंट पर साझा ग्रेगरी मिक्स के बयान के मुताबिक, "ट्रंप का हालिया टैरिफ नखरा, अमेरिका और भारत साझेदारी को मज़बूत बनाने के लिए वर्षों से किए गए सावधानीपूर्वक प्रयासों को खतरे में डालता है।" मीक्स ने कहा कि दोनों देशों के बीच गहरे रणनीतिक, आर्थिक और लोगों के बीच गहरे संबंध हैं, इसलिए चिंताओं का समाधान हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप, पारस्परिक सम्मान के साथ किया जाना चाहिए। मिक्स डेमोक्रेटिक सदस्य हैं।

जानकारी

कौन हैं ग्रेगरी वेल्डन मीक्स?

मीक्स कांग्रेस सदस्य होने के साथ न्यूयॉर्क के कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट से डेमोक्रेटिक प्रतिनिधि हैं। वे 1998 से प्रतिनिधि सभा में हैं और हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के रैंकिंग मेंबर हैं। मीक्स 2021-2023 तक समिति के चेयरमैन थे। वे हाउस फाइनेंशियल सर्विसेज कमेटी में भी हैं।

नाराजगी

निक्की हेली ने भी किया था भारत का समर्थन

रिपब्लिकन नेता और संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत रहीं निक्की हेली ने भी भारत को रूसी तेल न खरीदने की सलाह देते हुए टैरिफ पर आपत्ति जताई थी। हेली ने एक्स पर लिखा था, 'भारत को रूस से तेल नहीं खरीदना चाहिए। लेकिन हमारे विरोधी चीन, जो रूसी-ईरानी तेल का सबसे बड़ा खरीदार है, उसे 90 दिनों के लिए टैरिफ में ढील दी गई है। चीन को छूट न दें और भारत जैसे मजबूत सहयोगी से रिश्ते खराब न करें।'