यूक्रेन के अहम शहर पोकरोव्स्क पर कब्जा कर सकता है रूस, सैनिकों में भीषण युद्ध जारी
क्या है खबर?
यूक्रेन के साथ युद्ध में रूस को बड़ी सफलता मिलती दिख रही है। रूस जल्द ही पूर्वी यूक्रेन के सबसे महत्वपूर्ण शहर पोकरोव्स्क पर कब्जा कर सकता है। रूसी सैनिक इस शहर में घुस चुके हैं और उनकी यूक्रेनी सैनिकों से झड़पें तेज हो गई हैं। यूक्रेन के एक बटालियन कमांडर ने CNN से कहा कि वे शहर में चारों तरफ से घिर चुके हैं, जिसकी उन्हें आदत हो चुकी है।
रिपोर्ट
शहर का पतन अब निश्चित- रिपोर्ट
CNN ने जमीनी सूत्रों के हवाले से दावा किया कि पोकरोवस्क शहर का पतन अब रूस के हाथों निश्चित है। एक बटालियन कमांडर ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "हालात मुश्किल हैं, हर तरह की लड़ाई चल रही है, शहरी इलाकों में गोलीबारी हो रही है और हर तरह के हथियारों से गोलाबारी हो रही है। हम लगभग घिर चुके हैं, लेकिन हमें इसकी आदत हो गई है।"
अहम
कितना अहम है पोकरोव्स्क शहर?
पोकरोव्स्क यूक्रेन के लिए एक महत्वपूर्ण लॉजिस्टिक हब है। यहां से कई राजमार्ग और रेल लाइनें डोनेत्स्क, कोस्त्यांतिनिवका, जापोरिजिया और डिनीप्रो को जोड़ती थीं। हालांकि, इनमें से ज्यादातर को रूस ने पहले ही नष्ट कर दिया है। ये शहर यूक्रेन का अहम सप्लाई और ट्रांसपोर्ट हब है। यहीं से पूर्वी मोर्चे पर सैनिकों और हथियारों की आपूर्ति की जाती है। रूस इस शहर पर कब्जे के साथ ही डोनेत्सक क्षेत्र पर नियंत्रण के और करीब पहुंच जाएगा।
विशेषज्ञ
क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ?
जानकारों का कहना है कि पोकरोवस्क पर कब्जा करने से जमीनी स्तर पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि ये केवल प्रतीकात्मक लड़ाई है। वाशिंगटन स्थित थिंक टैंक इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर के जॉर्ज बैरोस ने CNN से कहा, "यह परिचालन की दृष्टि से महत्वपूर्ण था, क्योंकि यह एक आपूर्ति लाइन थी, जो यूक्रेनी रसद का समर्थन करती थी। हालांकि, गर्मियों में जब रूस ने पोक्रोवस्क को घेरना शुरू किया, तो चीजें बदल गईं।"
बयान
रूस ने तैनात किए 1.70 लाख सैनिक
हाल ही में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने कहा था कि रूस ने पोकरोव्स्क पर हमले को तीव्र करने के लिए इस क्षेत्र में लगभग 1.70 लाख सैनिक तैनात किए हैं। बैरोस ने कहा, "रणनीतिक रूप से राजनीतिक और सूचनात्मक दृष्टिकोण से पोक्रोवस्क बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि व्लादिमीर पुतिन ने कई बार जब्ती के बारे में सार्वजनिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बयान देने के लिए अपनी सीमा से बाहर जाकर काम किया है।"