सीरिया में ISIS के हमले में 2 अमेरिकी सैनिक मारे गए, ट्रंप बोले- बदला लेंगे
क्या है खबर?
सीरिया में इस्लामिक स्टेट (IS) के एक आतंकी ने घात लगाकर अमेरिकी सैनिकों पर हमला कर दिया। इसमें 2 सैनिक और एक दुभाषिए की मौत हो गई, जबकि 3 सैनिक घायल हुए हैं। अमेरिकी केंद्रीय कमान ने बताया कि ये घटना शनिवार को मध्य सीरिया के पल्मायरा में हुई है। जवाबी कार्रवाई में रक्षा बलों ने हमलावर को भी मार गिराया है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
घटना
कब और कैसे हुई घटना?
सीरियाई सरकारी मीडिया ने बताया कि मध्य सीरिया के पल्मायरा में अमेरिका और सीरिया के सैनिक दौरा कर रहे थे। इसी दौरान एक हमलावर ने गोलीबारी की, जिसमें सीरियाई सुरक्षा बलों के 2 जवान और कई अमेरिकी सैनिक घायल हो गए। पेंटागन के मुख्य प्रवक्ता शॉन पार्नेल ने बताया कि सैनिकों का मिशन क्षेत्र में चल रहे ISIS विरोधी/आतंकवाद विरोधी अभियानों के समर्थन में था। अभी तक मारे गए सैनिकों की पहचान सार्वजनिक नहीं की गई है।
हमलावर
हमलावर के बारे में क्या पता है?
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने स्थानीय अधिकारियों के हवाले से बताया कि हमलावर सीरियाई सुरक्षा बलों का सदस्य था। हालांकि, सीरियाई आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि सुरक्षा बलों में उसकी कोई नेतृत्वकारी भूमिका नहीं थी। रिपोर्ट के अनुसार, हमलावर के बारे में पहले से ही आशंका थी कि वह चरमपंथी विचारधारा से प्रभावित है। इसी के चलते 10 दिसंबर को एक मूल्यांकन जारी किया गया था, जिस पर 14 दिसंबर को फैसला लिया जाना था।
बयान
ट्रंप बोले- जवाबी कार्रवाई करेंगे
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि हमले के लिए जिम्मेदार ISIS के खिलाफ बहुत गंभीर जवाबी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लिखा, 'यह ISIS द्वारा अमेरिका और सीरिया पर किया गया हमला था, जो सीरिया के एक बहुत ही खतरनाक हिस्से में हुआ, जिस पर हमारा पूरी तरह से नियंत्रण नहीं है। सीरियाई राष्ट्रपति अहमद अल-शारा इस घटना से बेहद दुखी हैं और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सीरिया क्षेत्र में अमेरिकी सेनाओं के साथ सहयोग कर रहा है।'
हमला
सीरिया-इराक में अभी भी ISIS के 5,000 लड़ाके होने का अनुमान
यह हमला सीरिया के अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल होने के ठीक एक महीने बाद हुआ है। यह गठबंधन सीरिया और इराक में ISIS के खिलाफ अभियान चला रहा है। इसी के तहत पूर्वी सीरिया में अमेरिका के सैकड़ों सैनिक तैनात हैं। इससे पहले 2019 में माम्बजी में बम हमले में 2 अमेरिकी सैनिक और 2 नागरिक मारे गए थे। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि सीरिया-इराक में अभी भी ISIS के करीब 5,000 लड़ाके हैं।