ईरान: जनरल कासिम सुलेमानी की कब्र के पास 2 धमाके, 100 से अधिक लोगों की मौत
ईरान में सिलसिलेवार 2 बम धमाकों में कम से कम 100 लोगों की मौत हो गई है। रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि ये धमाके अमेरिकी ड्रोन से हुए हैं, लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। ये धमाके करमान शहर में उस कब्रिस्तान के पास हुए , जहां पूर्व जनरल कासिम सुलेमानी को दफनाया गया है। आज 3 जनवरी को सुलेमानी की चौथी बरसी है।
कैसे हुआ हमला?
दोनों ही धमाके अल-जमान मस्जिद के पास हुए हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि कब्रिस्तान की ओर जाने वाली सड़क पर कई गैस कंटेनरों में विस्फोट हुआ है। एक स्थानीय अधिकारी ने कहा कि यह अभी साफ नहीं है कि विस्फोट गैस कंटेनरों के कारण हुए थे या आतंकवादी हमले के कारण हुए हैं। रेड क्रिसेंट के प्रमुख रेजा फल्लाह ने कहा कि हमारी टीमें घायलों को निकाल रही हैं।
ईरान ने बताया आतंकवादी हमला
ईरान ने घटना को आतंकवादी हमला बताया है। सरकारी प्रसारक इरिब ने कहा कि दक्षिणी शहर करमान में साहेब अल-जमान मस्जिद के पास एक जुलूस में हुए धमाकों में 171 लोग घायल हुए हैं। इरिब ने करमन के डिप्टी गवर्नर का हवाला देते हुए कहा कि यह एक आतंकवादी हमला था। हमले के बाद सामने आए एक वीडियो में सड़क पर कई शव दिखाई दे रहे हैं।
अमेरिका के हमले में मारे गए थे सुलेमानी
अमेरिका ने 3 जनवरी, 2020 को इराक की राजधानी बगदाद के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास हमला करके सुलेमानी को मार गिराया था। तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर ये हमला किया गया था। अमेरिका ने कहा था कि सुलेमानी इराक में अमेरिकी सैनिकों पर हमले करा रहे थे, इसलिए उन्हें मारा गया। इस हमले के बाद दोनों देशों में युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो गई थी और ईरान ने जवाबी हमला किया था।
कौन था सुलेमानी?
कासिम सुलेमानी ईरान की कुद्स फोर्स के प्रमुख थे। मध्य-पूर्व में ईरान का प्रभुत्व बढ़ाने में उनका अहम योगदान था। कुद्स फोर्स ईरान की शक्तिशाली इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) का एक हिस्सा है और यह विदेशों में अभियानों को अंजाम देती है। सुलेमानी 1998 से इसके प्रमुख थे और ईरान में उनका रुतबा किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं था। उन्हें ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामनेई का करीबी माना जाता था।