
सुशीला कार्की बनीं नेपाल की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री, शपथ ली; भंग होगी संसद
क्या है खबर?
नेपाल में Gen-Z का विद्रोह सामान्य होने के बाद शुक्रवार रात साढ़े 9 बजे पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की ने अंतरिम प्रधानमंत्री की शपथ ली। कार्की को शीतल निवास (राष्ट्रपति भवन) में आयोजित सादे समारोह में राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने पद की शपथ दिलाई। कार्की देश की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री बनी हैं। राष्ट्रपति कार्यालय में प्रेस सलाहकार किरण पोखरेल ने बताया कि जल्द ही मंत्रिपरिषद की पहली बैठक होगी, जिसमें नेपाली संसद (प्रतिनिधि सभा) को भंग किया जाएगा।
सहमति
संसद भंग करने के निर्णय के बाद बनी सहमति
राष्ट्रपति पौडेल ने अपने आवास शीतल निवास पर सेना प्रमुख अशोक राज सिगडेल, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, संवैधानिक विशेषज्ञों और Gen-Z के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर चर्चा की थी। बाद में Gen-Z की मांग पर कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाए जाने पर आम सहमति बन गई। शपथ ग्रहण को लेकर देकर देरी हो रही थी क्योंकि राष्ट्रपति पौडेल और कार्की के बीच संसद को भंग करने को लेकर सहमति नहीं बन पा रही थी।
कार्य
शपथ ग्रहण के बाद क्या होगा कार्की का प्रमुख कार्य?
कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री होंगी। वह पद संभालने के बाद मुख्य रूप से देश में अगले आम चुनाव कराने का मार्गदर्शन करेंगी। वह पहले से ही इस योजना पर काम रही थीं। उन्होंने कहा है कि वह 6 महीने से एक साल में चुनाव कराना चाहती हैं। इसके अलावा कार्की की सरकार Gen-Z विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई घटनाओं की जांच, भ्रष्टाचार और नेताओं की संपत्ति की जांच जैसे कामों को आगे बढ़ाएंगी।
चर्चा
इन नामों पर भी हुई थी चर्चा
सबसे पहले बुधवार को Gen-Z ने कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में अपनी पहली पसंद बताया था। उसके बाद काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह बालेन और नेपाल विद्युत प्राधिकरण के पूर्व प्रमुख कुलमान घीसिंग का भी नाम अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में सामने आ गया। घीसिंग को बिजली कटौती की समस्या को खत्म करने को लेकर 'नाइटमेन' की भी उपाधि मिली हुई है। हालांकि, आखिर में Gen-Z के जोर के कारण कार्की के नाम पर सहमति बन गई।
परिचय
कौन हैं सुशीला कार्की?
सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं। उनका जन्म 7 जून, 1952 को मोरंग जिले के विराटनगर में हुआ था। उन्होंने महेंद्र मोरंग कॉलेज से स्नातक, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर और त्रिभुवन विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की। उ्न्होंने जुलाई 2016 से जून 2017 तक, मुख्य न्यायाधीश के रूप में भ्रष्टाचार के विरुद्ध कड़े फैसले दिए। उनके खिलाफ 2017 में महाभियोग प्रस्ताव भी आया था, जो वापस ले लिया गया।
हालात
नेपाल में अब कैसे हैं हालात?
नेपाल में हिंसा के बाद धीरे-धीरे हालात काबू में आ रहे हैं। हालांकि, सेना ने राजधानी काठमांडू और आसपास के इलाकों में ऐहतियात के तौर पर कर्फ्यू लगा रखा है। हालात का फायदा उठाकर 1,500 से ज्यादा कैदी जेलों से भाग गए हैं। इनमें से 60 को भारतीय सुरक्षाबलों ने सीमा के नजदीक पकड़ा है। हिंसा में मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 31 हो गया है और 1,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
जानकारी
मंत्रिमंडल का अभी नहीं हुआ गठन
राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण के दौरान मंत्रिमंडल के गठन का प्रस्ताव रखा गया था, जिसे पास कर दिया गया है। अभी को नाम शामिल नहीं है। कार्की के पास ही प्रधानमंत्री के साथ वित्त, विदेश, कृषि समेत कई अन्य मंत्रालयों का भी प्रभार रहेगा।