अमेरिका: विश्वविद्यालयों में फिलिस्तीन समर्थक विरोध-प्रदर्शन तेज, हार्वर्ड में फहराया गया फिलिस्तीन का झंडा
क्या है खबर?
अमेरिका के विश्वविद्यालयों में फिलिस्तीन समर्थक विरोध-प्रदर्शन तेज हो गए हैं। प्रसिद्ध हार्वर्ड विश्वविद्यालय में तो छात्रों ने आइवी लीग स्कूल स्थित उस स्थान पर फिलिस्तीन का झंडा फहरा दिया, जहां अमेरिकी झंडा फहराया जाता है।
इसके अलावा छात्रों ने वाशिंगटन हिल्टन होटल की एक खिड़की से भी फिलिस्तीन का बहुत बड़ा झंडा फहराया। यहां पर वार्षिक व्हाइट हाउस संवाददाता संघ का डिनर आयोजित हुआ था, जिसमें राष्ट्रपति जो बाइडन भी शामिल हुए थे।
प्रदर्शन
अब तक लगभग 900 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार
18 अप्रैल को कोलंबिया विश्वविद्यालय से शुरू हुए इन विरोध-प्रदर्शनों में अब तक लगभग 900 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें अधिकांश छात्र हैं।
साप्ताहांत पर 4 अलग-अलग परिसरों से लगभग 275 लोगों को गिरफ्तार किया गया। बोस्टन के नॉर्थईस्टर्न विश्वविद्यालय से 100, सेंट लुईस स्थित वाशिंगटन विश्वविद्यालय से 80, एरिजोना स्टेट विश्वविद्यालय से 72 और इंडियाना विश्वविद्यालय से 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
कुछ विश्वविद्यालयों में इजरायल के समर्थन में भी प्रदर्शन हो रहे हैं।
टकराव
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में भिड़े छात्रों के 2 समूह
रविवार को लॉस एंजिल्स स्थित कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में इजरायल समर्थक और फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारी छात्रों में झड़प देखने को मिली।
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने दोनों धड़ों को अलग करने के लिए लगाए गए अवरोधकों को भी तोड़ दिया।
इसके अलावा दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के परिसर में विश्वविद्यालय की संपत्ति को तोड़ा गया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने क हा कि परिसर में अवैध रुप से डेरा डाले हुए लोगों ने यह तोड़फोड़ की।
प्रदर्शन
अमेरिका के लगभग 25 विश्वविद्यालयों में हो रहे हैं प्रदर्शन
बता दें कि अमेरिका के लगभग 25 विश्वविद्यालयों में फिलिस्तीन समर्थक विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं।
इनमें कोलंबिया विश्वविद्यालय, येल विश्वविद्यालय, टेक्सास विश्वविद्यालय, अटलांटा में एमोरी विश्वविद्यालय, बोस्टन में एमर्सन कॉलेज, वॉशिंगटन में जॉर्ज वॉशिंगटन विश्वविद्यालय, न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय और दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय जैसे प्रमुख संस्थान शामिल हैं।
सबसे व्यापक प्रदर्शन कोलंबिया और हार्वर्ड विश्वविद्यालय में हो रहे हैं।
बाइडन प्रशासन प्रदर्शनों पर नजर रखे हुए हैं, लेकिन उसने इन्हें संभालने की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन पर छोड़ी हुई है।
मांग
क्या मांग कर रहे हैं?
प्रदर्शनकारी छात्रों का आरोप है कि इजरायल गाजा पट्टी में मानवाधिकारों को गंभीर उल्लंघन कर रहा है और युद्ध पर तत्काल विराम लगाया जाना चाहिए।
इसके अलावा वे विश्विद्यालयों से ऐसे देशों और ऐसी कंपनियों से संबंध तोड़ने की मांग भी रहे हैं, जिन्हें कथित तौर पर गाजा युद्ध से फायदा हो रहा है।
इनमें सीधों पर इजरायल से जुड़ी और उसके लिए हथियार और युद्ध सामग्री बनाने वाली कंपनियां भी शामिल हैं।