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प्रधानमंत्री मोदी ने जताई UNSC में सुधार की आवश्यकता, दिया बड़ा अहम बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने UNSC में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया

प्रधानमंत्री मोदी ने जताई UNSC में सुधार की आवश्यकता, दिया बड़ा अहम बयान

Nov 23, 2025
05:52 pm

क्या है खबर?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधारों की आवश्यकता पर जोर दिया है। वह जोहान्सबर्ग में भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका (IBSA) नेताओं के शिखर सम्मेलन में बोल रहे थे। PTI के अनुसार, उन्होंने कहा, "संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार करना अब एक विकल्प नहीं, बल्कि एक बड़ी आवश्यकता है।" उन्होंने IBSA से वैश्विक शासन संस्थाओं में बदलाव का स्पष्ट संदेश देने का भी आग्रह किया है।

प्रस्ताव

मोदी ने IBSA NSA-स्तरीय बैठकों को संस्थागत बनाने का प्रस्ताव रखा

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के बीच सुरक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए IBSA-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) स्तर की बैठक को संस्थागत बनाने का भी प्रस्ताव रखा। उन्होंने आतंकवाद विरोधी प्रयासों में घनिष्ठ समन्वय की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, "इतने गंभीर मुद्दे पर दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं है।" शिखर सम्मेलन में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और ब्राजील के राष्ट्रपति लुईज इनासियो लूला दा सिल्वा ने भी भाग लिया।

तकनीक

मोदी ने IBSA डिजिटल इनोवेशन एलायंस का भी प्रस्ताव रखा

प्रधानमंत्री मोदी ने मानव-केंद्रित विकास में प्रौद्योगिकी के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने तीनों देशों के बीच डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, स्वास्थ्य प्लेटफॉर्म, साइबर सुरक्षा ढांचा और महिलाओं के नेतृत्व वाली तकनीकी पहलों को साझा करने के लिए IBSA डिजिटल इनोवेशन एलायंस के निर्माण का प्रस्ताव रखा। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और सौर ऊर्जा क्षेत्रों में 40 देशों में परियोजनाओं को समर्थन देने के लिए IBSA फंड की भी सराहना की।

निमंत्रण

मोदी ने IBSA नेताओं को AI इम्पैक्ट शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया

प्रधानमंत्री मोदी ने अगले वर्ष भारत में आयोजित होने वाले AI इम्पैक्ट शिखर सम्मेलन में IBSA नेताओं को आमंत्रित किया। उन्होंने सुरक्षित और विश्वसनीय मानव केंद्रित AI मानदंड विकसित करने में समूह की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "AI एक-दूसरे के विकास के पूरक बन सकते हैं और सतत विकास के लिए एक उदाहरण बन सकते हैं।" उन्होंने बाजरा, प्राकृतिक खेती, आपदा प्रतिरोधक क्षमता, हरित ऊर्जा, पारंपरिक औषधियों और स्वास्थ्य सुरक्षा में सहयोग के अवसरों पर प्रकाश डाला।