मुशर्रफ ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का नियंत्रण अमेरिका को सौंप दिया था- पूर्व CIA अधिकारी
क्या है खबर?
अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA के एक पूर्व अधिकारी जॉन किरियाकोउ ने पाकिस्तान को लेकर कई चौंकाने वाले दावे किए हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने देश के परमाणु शस्त्रागार का नियंत्रण अमेरिका को सौंप दिया था। उन्होंने ये भी कहा कि पाकिस्तान ने करोड़ों रुपये की सहायता कर एक तरह से उन्हें खरीद लिया था। इसके अलावा किरियाकोउ ने पाकिस्तान- अमेरिका संबंध और दक्षिण एशिया में शक्ति संतुलन को लेकर भी कई बातें कही।
बयान
किरियाकोउ बोले- मुशर्रफ ने हमें जो चाहे करने दिया
किरियाकोउ ने समाचार एजेंसी ANI से कहा, "वाशिंगटन ने सैन्य और आर्थिक दोनों तरह की सहायता के रूप में पाकिस्तान को लाखों-लाखों डॉलर दिए। पाकिस्तान सरकार के साथ हमारे संबंध बहुत अच्छे थे। उस समय परवेज मुशर्रफ थे। हम मुशर्रफ से नियमित रूप से हफ्ते में कई बार मिलते थे। वह हमें जो चाहे करने देते थे। मुशर्रफ ने पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार का नियंत्रण अमेरिका को सौंप दिया था।"
अमेरिका
अमेरिका को तानाशाहों के साथ काम करना पसंद- किरियाकोउ
किरियाकोउ ने विदेश नीति में अमेरिका की चयनात्मक नैतिकता की आलोचना की और वाशिंगटन पर तानाशाहों के साथ काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "देखिए, सच कहूं तो। अमेरिका तानाशाहों के साथ काम करना पसंद करता है, क्योंकि तब आपको जनमत और मीडिया की चिंता नहीं करनी पड़ती। इसलिए हमने मुशर्रफ को खरीद लिया। जब मैं 2002 में पाकिस्तान में था, तो मुझे अनौपचारिक रूप से बताया गया था कि पेंटागन पाकिस्तानी परमाणु शस्त्रागार को नियंत्रित करता है।"
भारत
हमें विश्वास था कि भारत-पाकिस्तान 2002 में युद्ध लड़ेंगे- किरियाकोउ
किरियाकोउ ने खुलासा किया है कि अमेरिकी खुफिया समुदाय को एक समय ऐसा लगता था कि भारत और पाकिस्तान 2002 में युद्ध के कगार पर थे। वे 2001 में भारतीय संसद पर हुए हमले के बाद की स्थितियों के संदर्भ में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, "हमने अपने परिवार के सदस्यों को इस्लामाबाद से निकाल लिया था। हमें विश्वास था कि भारत और पाकिस्तान युद्ध करेंगे। विदेश उप-सचिव समझौता कराने के लिए दिल्ली-इस्लामाबाद के दौरे करते रहे।"
पाकिस्तान
अमेरिका ने पाकिस्तान के परमाणु वैज्ञानिक को क्यों नहीं मारा?
किरियाकोउ ने खुलासा किया कि अमेरिका ने पाकिस्तानी परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कादिर खान को क्यों नहीं मारा। उन्होंने कहा, "अगर हमने इजरायली तरीका अपनाया होता, तो हम उसे मार डालते। उसे ढूंढ़ना आसान था। लेकिन सऊदी अरब हमारे पास आया और कहा कि उसे अकेला छोड़ दीजिए। इसके बाद व्हाइट हाउस ने CIA और IAEA को खान के खिलाफ कार्रवाई न करने का निर्देश दिया। ऐसा इसलिए हुआ होगा, क्योंकि सऊदी अरब इस पर जोर दे रहा था।"
अन्य बातें
किरियाकोउ ने ये खुलासे भी किए
किरियाकोउ ने बताया कि पाकिस्तान भ्रष्टाचार में डूबा हुआ था, जहां पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो जैसे नेता विदेशों में विलासिता से रहते थे। किरियाको के अनुसार, मुशर्रफ ने दोहरा खेल खेला, आतंकवाद-निरोध पर अमेरिका का साथ दिया और भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को भी अनुमति दी। किरियाकोउ ने कहा कि अमेरिका यह दिखावा करना पसंद करता है कि वो लोकतंत्र और मानवाधिकारों का प्रतीक है, लेकिन यह सच नहीं है।