पाकिस्तानी जनरल ने की मोहम्मद यूनुस से मुलाकात, भारत के लिए क्या हैं इसके मायने?
क्या है खबर?
भारत के पड़ोसी देशों के बीच संबंध लगातार बदल रहे हैं। दुश्मन देश फिर से नजदीक आने लगे हैं। पाकिस्तान-बांग्लादेश के संबंध इसका ताजा उदाहरण है। गत 25 अक्टूबर को पाकिस्तान के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ समिति (CJCSC) के अध्यक्ष जनरल साहिर शमशाद मिर्जा ने बांग्लादेश की राजधानी ढाका में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस से मुलाकात कर रिश्तों की मजबूती पर जोर दिया। आइए जानते हैं इस मुलाकात के भारत के लिए क्या मायने हैं।
मुलाकात
पाकिस्तानी जनरल मिर्जा ने बांग्लादेश से संबंधों की मजबूती पर दिया जोर
पाकिस्तान की CJCSC के अध्यक्ष जनरल मिर्जा और 8 अन्य सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल ने ढाका में यूनुस से मुलाकात की। उसके बाद मिर्जा ने कहा, "बैठक में उन्होंने बांग्लादेश-पाकिस्तान संबंधों से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें द्विपक्षीय व्यापार, निवेश और रक्षा सहयोग का बढ़ता महत्व भी शामिल था।" दोनों देशों के बीच साझा ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों पर जोर देते हुए मिर्जा ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने की पाकिस्तान की इच्छा भी व्यक्त की।
समर्थन
जनरल मिर्जा ने कही एक-दूसरे का समर्थन करने की बात
जनरल मिर्जा ने कथित तौर पर कहा, "दोनों देश एक-दूसरे का समर्थन करेंगे। कराची और चटगांव के बीच दो-तरफा शिपिंग मार्ग का संचालन पहले ही शुरू हो चुका है, जबकि ढाका-कराची हवाई मार्ग भी कुछ ही महीनों में खुलने की उम्मीद है।" इस दौरान यूनुस ने पश्चिम एशिया में मौजूदा स्थिति पर भी चर्चा की और तनाव कम करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने गलत सूचना के प्रसार के लिए जिम्मेदार तत्वों की भूमिका पर भी चर्चा की।
संबंध
पाकिस्तान और बांग्लादेश संबंधों में हो रहा है सुधार
पाकिस्तान-बांग्लादेश के बीच संबंधों के पुनर्निर्माण के बाद से ढाका का दौरा करने वाले मिर्जा सबसे वरिष्ठ पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी हैं। पिछले वर्ष अगस्त में शेख हसीना को पद से हटाए जाने और यूनुस को प्रभारी नियुक्त किए जाने के बाद बांग्लादेश की भारत से दूरियां बढ़ती जा रही है और वह पाकिस्तान के नजदीक आ रहा है। यह भारत के लिए बड़ी चिंता की बात मानी जा रही है। ऐसे में भारत ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है।
मजबूती
इस तरह मजबूत हो रहे पाकिस्तान-बांग्लादेश संबंध
पाकिस्तान और बांग्लादेश के रिश्तों में नरमी का पहला संकेत तब मिला जब दोनों देशों ने सरकारी और राजनयिक पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा मुक्त यात्रा समझौते पर हस्ताक्षर किए। पाकिस्तान ने अगले 5 वर्षों में बांग्लादेशी छात्रों के लिए 500 छात्रवृत्तियों की घोषणा की, जिनमें से 25 प्रतिशत चिकित्सा शिक्षा के लिए आवंटित की गई। पाकिस्तान ने अपने तकनीकी सहायता कार्यक्रम के तहत छात्रवृत्तियां बढ़ाने और बांग्लादेशी सिविल सेवकों के लिए विशेष प्रशिक्षण का वादा भी किया।
उड़ान
दोनों देशों ने की दोबारा सीधी उड़ानें शुरू करने की घोषणा
पाकिस्तान और बांग्लादेश ने सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने की भी घोषणा की है। दोनों के बीच आखिरी सीधी उड़ान 2018 में पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) द्वारा संचालित की गई थी। दोनों देशों ने 47 सालों के बाद सीधे समुद्री संपर्क भी स्थापित किए हैं। इतना ही नहीं, पिछले सितंबर में बांग्लादेश ने पाकिस्तानी सामानों पर आयात प्रतिबंध भी हटा लिए थे। उससे पहले पाकिस्तान से आने वाले सभी सामानों को दूसरे जहाजों पर उतारना पड़ता था।
चिंता
भारत के लिए क्यों है चिंता की बात?
पाकिस्तान और बांग्लादेश के मधुर होते संबंध भारत के लिए सीधी चिंता की बात है। ऐसे में भारत को सभी घटनाक्रमों से सावधान रहना चाहिए, क्योंकि इससे क्षेत्र का भू-राजनीतिक परिदृश्य बदल सकता है। भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने जुलाई में चेतावनी देते हुए कहा था कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और चीन के बीच लगातार और तेजी से बढ़ता गठजोड़ भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौतियां पैदा कर सकता है।
परेशानी
भारत और बांग्लादेश की सीमा है परेशानी का कारण
बांग्लादेश और भारत एक छिद्रपूर्ण सीमा साझा करते हैं जिसके माध्यम से माल और लोगों की आवाजाही आसानी से हो सकती है। सुरक्षा अधिकारियों को डर है कि पाकिस्तान-बांग्लादेश की दोस्ती भारत-बांग्लादेश सीमा पर उग्रवाद और तस्करी को बढ़ावा देगी। दरअसल, 2004 में भारतीय अधिकारियों ने लगभग 1,500 बक्से चीन में निर्मित गोला-बारूद जब्त किए थे, जिनकी अनुमानित कीमत 70 लाख डॉलर (लगभग 61.60 करोड़ रुपये) थी। ये कथित तौर पर प्रतिबंधित समूह उल्फा के लिए थे।
नक्शा
यूनुस ने पेश किया विवादास्पद नक्शा
यूनुस द्वारा पाकिस्तानी जनरल को पेश किया गया नक्शा भारत में चिंता का विषय बन सकता है। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेशी नेता ने पाकिस्तानी जनरल को एक विवादास्पद नक्शा पेश किया, जिसमें असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों को बांग्लादेश का हिस्सा दिखाया गया है। अप्रैल में उन्होंने अपने चीन दौरे पर कहा था कि ढाका इस क्षेत्र के लिए समुद्र का एकमात्र संरक्षक है, क्योंकि पूर्वोत्तर भारत भूमि से घिरा हुआ है।