
संघर्ष विराम पर बोले पाकिस्तानी विदेश मंत्री- भारत ने कभी नहीं मानी तीसरे पक्ष की दखलअंदाजी
क्या है खबर?
पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत के साथ हुए संघर्ष विराम को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि भारत ने पाकिस्तान के साथ किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को कभी भी स्वीकार नहीं किया है। यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उन सभी दावों को खारिज करता है जिसमें उन्होंने बार-बार भारत-पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष विराम में मध्यस्थता करने का दावा किया था।
बयान
विदेश मंत्री डार ने क्या दिया बयान?
विदेश मंत्री डार ने अलजजीरा को दिए एक साक्षात्कार में कहा, "जब पाकिस्तान ने अमेरिका से पूछा कि क्या भारत मान रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की दावेदारी के अनुसार तीसरे पक्ष की मध्यस्थता हो सकती है, तो अमेरिकी विदेश मंत्री ने साफ कह दिया कि भारत का स्पष्ट रुख है कि यह द्विपक्षीय मुद्दा है।" उन्होंने कहा, "हमारी सरकार लगातार भारत से बातचीत करना चाहती है, लेकिन उनकी तरफ से कोई भी सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है।"
नजरिया
हम तीसरे पक्ष की भागीदारी से नहीं हिचकिचाते- डार
डार ने कहा, "हम तीसरे पक्ष की भागीदारी से नहीं हिचकिचाते, लेकिन भारत बार-बार कहता है कि यह द्विपक्षीय मुद्दा है। जब संघर्ष विराम का प्रस्ताव रुबियो के जरिए आया था तो हमें भरोसा दिया गया था कि भारत से बातचीत होगी, लेकिन बाद में कहा गया कि भारत ने इनकार कर दिया।" उन्होंने कहा, "हमें द्विपक्षीय बातचीत से भी कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन बातचीत व्यापक होनी चाहिए। इसमें आतंकवाद, व्यापार, अर्थव्यवस्था और जम्मू-कश्मीर पर बातचीत होनी चाहिए।"
स्पष्ट
डार ने कहा- हम किसी चीज की भीख नहीं मांग रहे
डार ने कहा, "हम किसी चीज की भीख नहीं मांग रहे हैं। अगर कोई देश बातचीत चाहता है, तो हमें खुशी होगी, हम स्वागत करते हैं। हम एक शांतिप्रिय देश हैं। हमारा मानना है कि बातचीत ही आगे बढ़ने का रास्ता है, लेकिन जाहिर है कि बातचीत के लिए दो लोगों की इच्छा की जरूरत होती है। इसलिए जब तक भारत बातचीत नहीं करना चाहता, तब तक ऐसा नहीं होगा। एकतरफा मजबूरी से बातचीत नहीं हो सकती हैं।"
धमकी
डार ने दी गीदड़भभकी
मध्य पूर्व में इजरायल के आक्रमण को रोकने के लिए एक संयुक्त संगठन बनाने की सूरत में पाकिस्तान के कदम के सवाल पर डार ने कहा, "पाकिस्तान के पास बहुत बड़ी और ताकतवर सेना है, जिसने पारंपरिक युद्धों में अपनी क्षमता साबित की है और वह आगे भी ऐसा करने के लिए तत्पर है। पाकिस्तान और उसकी सेना इस्लामिक देशों की रक्षा के लिए तैयार है।" डार ने यह बयान अरब इस्लामिक समिट से पहले दिया था।
पृष्ठभूमि
ट्रंप ने कई बार किया मध्यस्थता का दावा
बता दें कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने कई बाद दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को लड़ने से रोका है। उन्होंने दोनों देशों को व्यापार नहीं करने की धमकी देकर संघर्ष विराम के लिए तैयार किया था। हालांकि, भारत ने उनके दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया था। भारत ने स्पष्ट किया था कि पाकिस्तान के साथ युद्ध विराम में अमेरिका और भारत की बातचीत में टैरिफ का मुद्दा कभी नहीं आया।