पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का निधन
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ का 79 साल की उम्र में निधन हो गया है। वो पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे और उन्होंने दुबई के अस्पताल में अंतिम सांस ली। रिपोर्ट्स के अनुसार, मुशर्रफ लंबे समय से एमीलॉयडोसिस नामक गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। यह शरीर में एक प्रकार की प्रोटीन बढ़ने के कारण होती है। अगर यह प्रोटीन शरीर में ज्यादा मात्रा में होता है तो इससे अंग काम करना बंद कर देते हैं।
दिल्ली में हुआ था मुशर्रफ का जन्म
परवेज मुशर्रफ का जन्म 11 अगस्त, 1943 को दिल्ली के दरियागंज में हुआ था और आजादी के समय उनका परिवार पाकिस्तान चला गया था। मुशर्रफ 1961 में पाकिस्तानी सेना में शामिल हुए। 1965 के युद्ध में वीरता के लिए उन्हें पुरस्कार भी मिला था। अक्टूबर, 1998 में मुशर्रफ पाकिस्तानी सेना के प्रमुख बने और अगले ही साल उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पद से हटाकर सत्ता हथिया ली। 2002 के आम चुनावों में उन्होंने जीत हासिल की।
पाकिस्तानी सेना ने दी श्रद्धांजलि
पूर्व सेनाप्रमुख के निधन के बाद पाकिस्तान के इंटर-सर्विस पब्लिक रिलेशन (ISPR) ने कहा कि चैयरमेन ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ और सभी सेनाओं के प्रमुख ने मुशर्रफ को श्रद्धांजलि दी है। इमरान खान की पार्टी PTI के नेता और पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने मुशर्रफ के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वो एक 'महान व्यक्ति' थे और उनकी विचारधारा हमेशा पाकिस्तान को आगे रखने की थी। अन्य नेताओं ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
पिछले साल उड़ी थी मुशर्रफ के निधन की अफवाह
मुशर्रफ को पिछले साल जून में भी तीन सप्ताह के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब उनके परिवार ने कहा था कि वो मुश्किल से गुजर रहे हैं और उनका ठीक होना संभव नहीं है क्योंकि उनके अंग काम करना बंद कर रहे हैं। परिवार का यह बयान उन अफवाहों के बीच आया था, जिसमें कहा गया था कि मुशर्रफ का निधन हो गया है। तब परिवार को सामने आकर इन अफवाहों का खंडन करना पड़ा था।
2018 में चला था मुशर्रफ की बीमारी का पता
मुशर्रफ की बीमारी का पता 2018 में उस समय चला, जब ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग (APML) ने जानकारी दी कि पूर्व जनरल जटिल बीमारी एमीलॉयडोसिस से जूझ रहे हैं। उस समय लंदन में उनका इलाज चल रहा था। इससे पहले ही मुशर्रफ अपनी बीमारी का इलाज कराने के लिए मार्च, 2016 में पाकिस्तान छोड़कर दुबई चले गए थे और उसके बाद से कभी पाकिस्तान वापस नहीं लौटे। अदालतों के समन के बाद भी वो पाकिस्तान नहीं आए थे।
2019 में मुशर्रफ को हुई थी फांसी की सजा
दिसंबर, 2019 में पेशावर हाई कोर्ट ने देशद्रोह के एक मामले में मुशर्रफ को फांसी की सजा सुनाई थी। उनके खिलाफ पाकिस्तान में आपातकाल लगाने के जुर्म में केस चल रहा था। हालांकि, यह फैसला आने से कुछ दिन पहले मुशर्रफ ने संदेश जारी कर कहा था कि उनके खिलाफ चल रहा देशद्रोह का मामला पूरी तरह निराधार है। बता दें कि दुबई में रह रहे मुशर्रफ अदालत में पेश नहीं हुए थे।