बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर फिर निशाना, बम और रॉकेट के हमलों से बाल-बाल बची
क्या है खबर?
पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान में एक बार फिर से जाफर एक्सप्रेस को निशाना बनाया गया। हालांकि, हमलों में ट्रेन बाल-बाल बच गई। घटना नसीराबाद जिले में घटी है, जहां क्वेटा से पेशावर जाने वाली ट्रेन के गुजरने के कुछ ही देर बाद ट्रैक पर लगाए गए विस्फोटक उपकरण में विस्फोट हो गया। इस दौरान हमलावरों ने 4 रॉकेट भी दागे थे, जो अपने लक्ष्य से चूक गए। विस्फोट से ट्रैक क्षतिग्रस्त हुआ है, लेकिन ट्रेन बच गई।
हमला
ट्रैक पर बिछाया था IED
उग्रवादियों ने नसीराबाद के शहीद अब्दुल अजीज बुल्लो इलाके में रेलवे ट्रैक पर इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) लगाया था, लेकिन ट्रेन यहां से सुरक्षित पार हो गई, जिसके बाद धमाका हुआ। ट्रेन के पार होने के बाद विस्फोट हुआ और ट्रेन पर 4 रॉकेट दागे गए, जो ट्रेन के किसी भी डिब्बे में नहीं लगा। नसीराबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गुलाम सरवर ने बताया कि सुरक्षा बल तुरंत विस्फोट स्थल पर पहुंच गए और इलाके की घेराबंदी कर ली है।
नुकसान
पटरी का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त होने से यातायात बाधित
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि धमाके से पटरी का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है, जिससे क्वेटा और देश के बाकी हिस्सों के बीच रेल यातायात बाधित हुआ है। हमले के बाद भी जाफर एक्सप्रेस ने सिंध के जैकबाबाद पहुंचने के बाद अपनी यात्रा जारी रखी। बता दें कि जाफर एक्सप्रेस ट्रेन की सेवाओं को सुरक्षा कारणों से 4 दिनों के लिए निलंबित किया गया था, जिसके बाद यह रविवार को शुरू हुई थी, लेकिन हमला हो गया।
दावा
BRG ने हमले की जिम्मेदारी ली
हमले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान रिपब्लिकन गार्ड्स (BRG) ने ली है। संगठन ने एक बयान जारी कर कहा, "हम नसीराबाद में जाफर एक्सप्रेस पर हुए विस्फोट की जिम्मेदारी लेते हैं। 16 नवंबर को BRG के स्वतंत्रता सेनानियों ने आज नसीराबाद के रबी इलाके में एक IED लगाया और रिमोट कंट्रोल से जाफर एक्सप्रेस को निशाना बनाया। इस विस्फोट में कई लोग मारे गए और घायल हुए, जबकि पटरी-ट्रेन को भी भारी नुकसान पहुंचा। बलूचिस्तान की आजादी तक ऐसे हमले जारी रहेंगे।"
हमला
11 मार्च से जारी हैं हमले
इस साल 11 मार्च से जाफर एक्सप्रेस को बार-बार निशाना बनाया जा रहा है। उस समय बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने 440 यात्रियों वाली ट्रेन पर घात लगाकर हमला किया था और बंधक बनाया था। इसके बाद 18 जून को जैकोबाबाद के निकट रिमोट कंट्रोल से किए गए विस्फोट में चार बोगियां पटरी से उतर गईं। फिर 7 अगस्त को, 10 अगस्त को, 23 सितंबर को और 7 अक्टूबर को भी ट्रेन पर हमला हो चुका है।