बांग्लादेश: शेख हसीना पर ICT का फैसला आज, हिंसा करने वालों को गोली मारने के आदेश
क्या है खबर?
बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों में सोमवार 17 नवंबर को फैसला आना है, जिसको लेकर पूरे देश में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) उनके खिलाफ दर्ज मानवता विरोधी अपराधों के लिए फैसला सुनाएगी। फैसले से पहले ही बांग्लादेश के कई शहरों में हिंसा और आगजनी की खबरें आ रही हैं। सरकार ने पुलिस के साथ सेना और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) को भी तैनात किया है।
आदेश
हिंसा करने वालों को गोली मारने के आदेश
फैसले पहले ही शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग ने सोमवार को देशव्यापी 'पूर्ण बंद' का आह्वान किया है। रविवार को कई जगह देसी बम धमाकों की खबर सामने आई है। अंतरिम सरकार में एक सलाहकार सैयदा रिजवाना हसन के आवास के पास भी 2 धमाके हुए हैं। अंतरिम सरकार ने हिंसा करने वालों को गोली मारने के आदेश दिए हैं, जिसके बाद ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने अधिकारियों को वायरलेस पर हिंसक भीड़ पर गोली चलाने का निर्देश दिया।
आदेश
हसीना पर क्या हैं आरोप?
ICT सोमवार को अपदस्थ 78 वर्षीय शेख हसीना, पूर्व गृह मंत्री असद-उज-जमां खान कमाल और तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक (IGP) चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून केखिलाफ फैसला सुनाएगा। सभी पर पिछले साल जुलाई-अगस्त में हुए छात्र आंदोलन के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध करने, हत्या और प्रताड़ना का आरोप लगा है। ICT ने 10 जुलाई को तीनों के खिलाफ आरोप तय किए थे और बहस 23 अक्टूबर को समाप्त हुई थी। मामले की सुनवाई के दौरान हसीना भारत में थीं।
सजा
फांसी और सपंत्ति जब्त करने की मांग
ICT के अभियोजक गाजी एमएच तमीम ने बताया कि उन्होंने शेख हसीना के लिए फांसी की सजा की मांग की है। साथ ही दोषियों की संपत्ति जब्त करने और प्रदर्शन में घायल और 'शहीद' परिवारों में बांटने का अनुरोध किया है। मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने बांग्लादेश में आवामी लीग पर प्रतिबंध लगाया है, ऐसे में उनकी गतिविधियों पर खास नजर रखी जा रही है। बता दें कि हसीना देश में भगोड़ा घोषित हैं।
हिंसा
सड़कों पर उतरे लोग, हिंसा और आगजनी
बांग्लादेश की राजधानी ढाका समेत कई अन्य शहरों में पिछले 3 दिनों से हिंसक विरोध-प्रदर्शन देखा जा रहा है, जिसमें बम विस्फोट और आगजनी की भी खबरें आ रही हैं। रविवार को सलाहकार सैयदा रिजवाना हसन के अलावा कारवां बाजार और पुलिस स्टेशन परिसर में बम विस्फोट किए गए और वाहन डंपिंग सेक्शन में आग लगा दी गई। प्रदर्शनकारियों ने कई खड़ी बसों को जला दिया, जिससे एक ट्रक के अंदर सो रहे चालक की भी मौत हो गई।
अनुरोध
हसीना ने मुकदमे को अवैध बताया
हसीना ने आवामी लीग के फेसबुक पेज पर फैसले से पहले अपने समर्थकों से अंतरिम सरकार का विरोध करने का आग्रह किया। उन्होंने अपने संदेश में ICT को "कंगारू अदालत" कहा और मोहम्मद यूनुस को "अतिक्रमणकारी" बताया, जिसने निर्वाचित प्रतिनिधियों को जबरन हटाया है। उन्होंने कहा, "मुख्य अभियोजक के सभी आरोप झूठे हैं। हमने विरोध-प्रदर्शन का आह्वान किया है। मुझे उम्मीद है कि बांग्लादेश के लोग इसे पूरा करेंगे और सूदखोरों, हत्यारों, उग्रवादियों, यूनुस और उसके साथियों को परास्त करेंगे।"
अंदेशा
शेख हसीना के बेटे ने मौत की सजा का जताया अंदेशा
शेख हसीना के बेटे और सलाहकार सजीब वाजेद ने ICT की सुनवाई को लेकर अंदेशा जताया है कि कोर्ट उन्हें दोषी ठहराकर मौत की सजा सुना सकता है। उन्होंने कहा कि "वे मेरी मां का क्या कर सकते हैं? मेरी मां भारत में सुरक्षित हैं। भारत उन्हें पूरी सुरक्षा दे रहा है।" साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी पार्टी पर प्रतिबंध जारी रहा, तो अवामी लीग के समर्थक फरवरी में होने वाले राष्ट्रीय चुनाव में बाधा डालेंगे।
निर्वासन
अगस्त 2024 से भारत में हैं हसीना
पिछले साल बांग्लादेश में शुरू हुए सत्ता विरोध छात्र आंदोलन के बाद हसीना को अपनी छोटी बहन शेख रिहाना के साथ देश छोड़ना पड़ा और 5 अगस्त को वायुसेना के विमान से भारत आ गईं। तब से हसीना दिल्ली में कड़ी सुरक्षा में हैं और यहां से सोशल मीडिया के जरिए लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करती हैं। उनके जाने के बाद बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार है। बांग्लादेश सरकार उनके प्रत्यर्पण के प्रयास कर रही है।