
डोनाल्ड ट्रंप के विरोध में अमेरिका से लेकर यूरोप तक 'नो किंग्स' प्रदर्शन
क्या है खबर?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के खिलाफ यूरोप से लेकर अमेरिका तक लोग सड़कों पर उतर आए हैं। इस प्रदर्शन को 'नो किंग्स' नाम दिया गया है। अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी, न्यूयॉर्क, शिकागो, मियामी और लॉस एंजेलिस से लेकर लंदन, बर्लिन, मैड्रिड, रोम और टोरंटो में भी प्रदर्शन हुए हैं। अमेरिका के अलावा अन्य देशों में लोगों ने अमेरिकी दूतावास के सामने इकट्ठा होकर ट्रंप की नीतियों का विरोध जताया।
अमेरिका
अमेरिका में कहां-कहां हुए प्रदर्शन?
न्यूयॉर्क शहर के मशहूर टाइम्स स्क्वायर पर हजारों लोग इकट्ठा हुए। इनके हाथ में 'डेमोक्रेसी नॉट मोनार्की' और 'द कॉन्स्टिट्यूशन इज नॉट ऑप्शनल' लिखी तख्तियां थीं। पूरे न्यूयॉर्क में एक लाख से ज्यादा लोग सड़कों पर उतरे। उत्तरी वर्जीनिया में प्रदर्शनकारी आर्लिंग्टन कब्रिस्तान के पास एकत्रित हुए। यहां से कुछ ही दूर ट्रंप ने विशाल दरवाजा बनाने का ऐलान किया है। पूरे अमेरिका में 2,600 से ज्यादा रैलियां हुईं। इस दौरान तख्तियों पर लिखे नारों ने सबका ध्यान खींचा।
अन्य देश
अमेरिका के अलावा कहां-कहां हुए प्रदर्शन?
लंदन में अमेरिका के बाहर सबसे बड़ी रैली आयोजित की गई। यहां लोगों ने अमेरिकी दूतावास के बाहर प्रदर्शन किया। मैड्रिड और बार्सिलोना में भी इसी तरह की रैलियां हुईं। इसके अलावा छोटे उपनगरों और कस्बों में लोगों ने प्रदर्शन किया। जर्मनी की राजधानी बर्लिन, स्पेन की राजधानी मैड्रिड और इटली की राजधानी रोम में प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप के विरोध में प्रदर्शन किया। कनाडा के टोरंटो में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के बाहर प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए।
वजह
ट्रंप के खिलाफ क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं लोग?
राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप अपनी कई एकतरफा और विवादित नीतियों के चलते निशाने पर हैं। उन्होंने अप्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है, फिलिस्तीनी समर्थक प्रदर्शनों और विविधतापूर्ण नीतियों के चलते विश्वविद्यालयों की फंडिंग में कटौती की है और कई राज्यों में नेशनल गार्ड की तैनाती की है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ट्रंप एक राजा की तरह व्यव्हार कर रहे हैं, जिससे लोकतांत्रिक व्यवस्था खतरे में पड़ गई है।
समर्थन
प्रदर्शनकारियों को मिल रहा व्यापक समर्थन
इन प्रदर्शनों की औपचारिक अगुवाई इंडिविजिबल समूह की सह-संस्थापक लीह ग्रीनबर्ग कर रही हैं। प्रदर्शनकारियों को सांसद बर्नी सैंडर्स और कांग्रेस सदस्य एलेक्जेंड्रिया ओकासियो-कोर्टेज और पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन सहित कई नेताओं का समर्थन मिल रहा है। कई मशहूर हस्तियों ने भी अपना समर्थन व्यक्त किया है। आयोजकों का कहना है कि 300 से ज्यादा मानवाधिकार, जमीनी और सामाजिक संगठनों ने भी प्रदर्शनों को अपना समर्थन दिया है।
ट्रंप
प्रदर्शनों पर ट्रंप ने क्या कहा?
फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने प्रदर्शनों पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, "एक राजा! यह कोई अभिनय नहीं है। आप जानते हैं, वे मुझे राजा कह रहे हैं। मैं कोई राजा नहीं हूं।" वहीं, ट्रंप के सहयोगियों ने इन प्रदर्शनों की 'द हेट अमेरिका रैली' कहकर निंदा की है। प्रदर्शनों के दौरान कई रिपब्लिकन शासित राज्यों ने नेशनल गार्ड को सक्रिय रहने का निर्देश दिया, जिसकी आलोचना भी हुई।