
अमेरिकी वीजा के लिए लगेगा 13 लाख रुपये का बॉन्ड; जानें नए नियम, कौन होगा प्रभावित
क्या है खबर?
अमेरिका ने अपने वीजा नियमों को और सख्त करते हुए नई पायलट योजना पेश की है। अब अमेरिकी वीजा के लिए आवेदन कर रहे लोगों को 5,000 डॉलर (करीब 13 लाख रुपये) का वीजा बॉन्ड जमा करना होगा। ये नियम 20 अगस्त से कुछ देशों के पर्यटक और बिजनेस वीजा आवेदनकर्ताओं पर लागू होंगे। इसका उद्देश्य वीजा अवधि से ज्यादा दिन तक रुकने वाले लोगों पर लगाम लगाना है। आइए पूरे नियम-कायदे समझते हैं।
नियम
क्या हैं नए नियम?
अमेरिकी विदेश विभाग के नोटिस के अनुसार, कांसुलर अधिकारी वीजा जारी करने की शर्त के रूप में गैर-आप्रवासी वीजा आवेदकों से 5,000 या 10,000 या 15,000 डॉलर का बॉन्ड जमा करवा सकेंगे। अगर यात्री वीजा शर्तों का पालन करते हुए तय समय पर वापस लौट जाता है, तो उसे यह राशि वापस कर दी जाएगी। जो लोग वीजा शर्तों का उल्लंघन करेंगे या वीजा खत्म होने के बाद भी रुके रहेंगे, उनकी बॉन्ड राशि जब्त कर ली जाएगी।
देश
किन देशों पर लागू होगा नया नियम?
विदेश विभाग ने कहा कि यह नियम उन देशों के नागरिकों पर लागू होगा, जहां वीजा अवधि खत्म होने के बावजूद अमेरिका में रुके रहने की दर ज्यादा है। इसके लिए 2023 की गृह सुरक्षा विभाग रिपोर्ट से आंकड़े लिए जाएंगे। इसके अलावा ऐसे देशों के आवेदकों को भी बॉन्ड जमा करना पड़ सकता है, जहां स्क्रीनिंग और जांच संबंधी जानकारी अपर्याप्त मानी जाती है या जहां निवेश के माध्यम से नागरिकता प्राप्त की जा सकती है।
लागू
कौन-कौन होगा प्रभावित?
AFP के अनुसार, ये कार्यक्रम 20 अगस्त से शुरू होकर एक साल तके चलेगा। ऊपर बताई गई श्रेणी में आने वाले देशों के B-1 बिजनेस और B-2 पर्यटक वीजा के लिए आवेदन करने वाले लोगों को बॉन्ड भरना जरूरी होगा। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, अमेरिकी सीमा शुल्क एवं सीमा सुरक्षा डेटा से पता चलता है कि चाड, इरीट्रिया, हैती, म्यांमार , यमन , बुरुंडी और जिबूती जैसे देशों में निर्धारित समय से अधिक रुकने की दर ज्यादा है।
सरकार
नियमों पर विदेश विभाग ने क्या कहा?
विदेश विभाग ने कहा, "यह नियम अमेरिकी आव्रजन कानूनों को लागू करने और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।" नोटिस में इस कार्यक्रम को वीजा अवधि से अधिक समय तक रहने से उत्पन्न राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे से निपटने के लिए विदेश नीति का प्रमुख स्तंभ बताया गया है। बता दें कि 2020 में भी अमेरिका ने ऐसा प्रोग्राम शुरू किया था, लेकिन इसे पूरी तरह से लागू नहीं किया गया था।
असर
नियमों का असर सीमित, लेकिन विशेषज्ञ चिंतित
रॉयटर्स के अनुसार, एक अमेरिकी यात्रा एसोसिएशन ने अनुमान लगाया है कि इस कार्यक्रम का दायरा अपेक्षाकृत सीमित है और इससे कम यात्रा करने वाले देशों के केवल 2,000 आवेदक ही प्रभावित होंगे। हालांकि, समूह ने चिंता जताई कि नई नियमों से अमेरिका आने वाले पर्यटकों की संख्या कम हो सकती है। एसोसिएशन ने कहा, "अगर इसे लागू किया जाता है, तो अमेरिका दुनिया में सबसे ज्यादा आगंतुक वीजा शुल्क लगाने वाले देशों में से एक होगा।"