
नेपाल में प्रधानमंत्री केपी ओली के इस्तीफे के बाद राजनीतिक संकट, भंग होगी नेपाल संसद?
क्या है खबर?
नेपाल में चौथी बार देश की सत्ता संभालने वाले 73 वर्षीय केपी शर्मा ओली के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद देश में राजनीतिक संकट पैदा हो गया है। सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने के बाद युवाओं के प्रदर्शन और गोलीबारी में हुई 19 लोगों की मौत के बाद नेपाल में जनाक्रोश है। ऐसे में सरकार के मंत्रियों और कई पार्टी के सांसदों ने भी इस्तीफा दे दिया है, जिससे नेपाली संसद भंग होने की संभावना बढ़ गई है।
गठबंधन
2024 में नेपाली कांग्रेस के साथ मिलकर बनाई थी सरकार
नेपाल में 2022 के केंद्रीय चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। तब नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) के पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड ने ओली की नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी-यूनिफाइड मार्क्सवादी-लेनिनवादी (CPN-UML) केसाथ मिलकर सरकार बनाई थी। 2024 राजनीतिक अस्थिरता के कारण CPN-UML ने समर्थन वापस ले लिया, जिससे प्रचंड की सरकार गिर गई, तब CPN-UML और शेर बहादुर देउबा की नेपाली कांग्रेस ने सरकार बनाई। ओली ने 15 जुलाई, 2024 को पद ग्रहण किया था।
संकट
नेपाली कांग्रेस ने ओली से नई सरकार बनाने को कहा था
प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे से पहले लोगों के गुस्से को देखते हुए नेपाली कांग्रेस ने ओली की सरकार से नाता तोड़ने और उनसे नई सरकार बनाने को कहा था। कांतिपुर समाचार के मुताबिक, नेपाली कांग्रेस के महासचिव गगन थापा और विश्वप्रकाश शर्मा ने कहा कि UML और कांग्रेस के बीच जो 7 सूत्रीय समझौता हुआ था, वह अब प्रासंगिक नहीं रहा है। उन्होंने सरकार में शामिल पार्टी के सभी मंत्रियों और प्रधानमंत्री ओली से भी इस्तीफा देने को कहा था।
पत्र
नेपाली कांग्रेस ने अपने पत्र में क्या कहा?
नेपाली कांग्रेस ने पत्र में लिखा, "हमने पार्टी की बैठकों, संसद और सार्वजनिक स्थानों पर सरकार से दुर्व्यवहार को सुधारने का बार-बार आग्रह किया, लेकिन सरकार और प्रधानमंत्री में सुधार नहीं हुआ। प्रधानमंत्री से नागरिकों में असंतोष बढ़ता गया। सोशल मीडिया, भ्रष्टाचार और सुशासन को लेकर Gen-Z पीढ़ी का दमन निंदनीय है। 7 सूत्री समझौते का औचित्य समाप्त हो गया है। हमने अध्यक्ष से पार्टी के मंत्रियों को वापस बुलाने का आग्रह किया है। अध्यक्ष को तुरंत निर्णय लेना चाहिए।"
सरकार
नेपाल में किसके पास कितनी संख्या?
नेपाल में हर 5 साल में केंद्रीय चुनाव होता है। इसमें प्रतिनिधि सभा (निचला सदन) में 275 सीटे होती हैं, जिसमें 165 सीटें प्रत्यक्ष निर्वाचन और 110 सीटें आनुपातिक प्रतिनिधित्व के तहत होती हैं। प्रतिनिधि सभा में बहुमत के लिए 138 सीटें चाहिए होती हैं। राष्ट्रपति सबसे बड़ी पार्टी को आमंत्रित करते हैं और उनको बहुमत साबित करना होता है। वर्तमान में प्रधानमंत्री ओली गठबंधन की 184 सीटों के बल पर प्रधानमंत्री हैं।
चुनाव
किसके समर्थन से बन सकती है सरकार?
नेपाल में CPN-UML की 79 सीटें, नेपाली कांग्रेस की 88, जनता समाजवादी पार्टी (JSP) की 7, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी (LSP) की 4, जनमत पार्टी की 6, CPN-माओवादी की 32 और राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (RSP) की 20 सीटें हैं। अभी कांग्रेस, CPN-UML, JSP, LSP गठबंधन की सरकार है। CPN-माओवादी, RSP, जमनत पार्टी विपक्ष में है। इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति नेपाली कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए बुला सकते हैं। हालांकि, उसे अन्य पार्टियों का समर्थन न मिलने से संकट होगा।
जानकारी
क्या भंग होगी संसद? फिर चुनाव होंगे
ओली के इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति ने भविष्य की सरकार पर काम शुरू कर दिया है। अगर ओली की पार्टी के समर्थन के बिना नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व में सरकार नहीं बनती, तो संसद को भंग किया जा सकता है। इसके बाद नए चुनाव होंगे।