
नेपाल: Gen-Z आंदोलनकारियों ने अंतरिम सरकार की प्रमुख के लिए सुशीला कार्की को चुना, जानिए शख्सियत
क्या है खबर?
नेपाल में सड़क पर उतरकर प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार को उखाड़ फेकने वाले Gen-Z आंदोलनकारियों ने अंतरिम सरकार के गठन का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने आगे के विचार-विमर्श और अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए देश की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की का नाम आगे किया है। अभी नेपाली सेना के हाथ में देश का नियंत्रण है। उसने बुधवार को अंतरिम सरकार के गठन को लेकर प्रदर्शनकारियों के साथ चर्चा शुरू कर दी है।
सरकार
ऑनलाइन बैठक में 4,000 लोग शामिल हुए
यह निर्णय ऑनलाइन वर्चुअल बैठक में हुआ, जिसमें 4,000 से अधिक युवाओं ने लिया था। नेपाल के ऑनलाइनखबर के मुताबिक, इसके बाद बुधवार को Gen-Z के 15 प्रतिनिधि नेपाली सेना के मुख्यालय (जंगीअड्डा) पहुंचे थे, जहां उन्होंने सेना प्रमुख अशोक राज सीगल से बात की। बैठक के अंत में, कार्की के नेतृत्व में एक नागरिक सरकार बनाने पर सहमति बनी है। रिपोर्ट के मुताबिक, सेना जल्द ही पूर्व मुख्य न्यायाधीश कार्की से बातचीत कर सकती है।
बातचीत
बालेन शाह ने नहीं दिखाई दिलचस्पी
ऑनलाइन बैठक में युवाओं ने काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी के मेयर बालेन शाह के नाम का भी प्रस्ताव रखा था, लेकिन उन्होंने दिलचस्पी नहीं दिखाई और वे बैठक में नहीं आए थे। इसके बाद Gen-Z प्रतिनिधियों ने सुशील कार्की के नेतृत्व में एक नागरिक सरकार बनाने का प्रस्ताव दिया था। एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने बताया कि वे माननीय का नाम लेने से हिचकिचा रहे हैं, हालांकि वे अभी भी एक अन्य समूह से बात कर रहे हैं।
पहचान
कौन हैं सुशीला कार्की?
सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं। उनका जन्म 7 जून, 1952 को मोरंग जिले के विराटनगर में हुआ था। उन्होंने महेंद्र मोरंग कॉलेज से स्नातक, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर और त्रिभुवन विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की। उ्न्होंने जुलाई 2016 से जून 2017 तक, मुख्य न्यायाधीश के रूप में भ्रष्टाचार के विरुद्ध कड़े फैसले दिए। उनके खिलाफ 2017 में महाभियोग प्रस्ताव भी आया था, जो वापस ले लिया गया।