कांगो में रहस्यमयी बीमारी से 60 मौतें, अब तक क्या-क्या पता है?
क्या है खबर?
कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में बीते कुछ समय में एक रहस्यमयी बीमारी से कम से कम 60 लोगों की मौत हो गई है। इनमें से आधे से ज्यादा की बीमार होने के कुछ ही घंटों के भीतर ही मृत्यु हो गई।
अब तक 1,000 से ज्यादा लोग इस रहस्यमयी बीमारी से संक्रमित पाए गए हैं। बताया जा रहा है कि इक्वेटर प्रांत के 2 गांवों में बीमारी का प्रकोप सबसे ज्यादा है।
आइए बीमारी के बारे में जानते हैं।
शुरुआत
कैसे फैली बीमारी?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अफ्रीका कार्यालय द्वारा जारी बुलेटिन के मुताबिक, प्रारंभिक जांच में पता चला है कि सबसे पहले बोलोको गांव में इस बीमारी से 3 बच्चों की मौत हुई थी।
ये तीनों बच्चे चमगादड़ का शव खाने के बाद बीमार हो गए थे और 48 घंटे के भीतर ही मर गए।
इसके बाद बसनकुसु क्लस्टर में ऐसी ही बीमारी के कम से कम 943 मामले सामने आए, जिनमें से 52 की मौत हो गई।
लक्षण
संक्रमित मरीजों में किस तरह के लक्षण देखे जा रहे हैं?
WHO ने कहा कि संक्रमित मरीजों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, गर्दन में अकड़न, खांसी, उल्टी, दस्त और नाक से खून बहने जैसे लक्षण देखे गए हैं।
कांगो के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, लगभग 80 प्रतिशत मरीजों में बुखार, ठंड लगना, शरीर में दर्द और दस्त जैसे लक्षण एक समान हैं।
WHO ने बताया कि कुल मौतों के 15.5 प्रतिशत और कुल संक्रमितों के 18 प्रतिशत 5 साल से कम उम्र के बच्चे हैं।
चिंता
बीमारी का फैलना कितनी चिंता की बात है?
क्षेत्रीय निगरानी केंद्र बिकोरो अस्पताल के चिकित्सा निदेशक सर्ज नगालेबाटो ने एसोसिएटेड प्रेस से कहा कि अधिकांश मामलों में लक्षण दिखने और मृत्यु के बीच का अंतराल मात्र 48 घंटे का है और यह बात वास्तव में चिंताजनक है।
WHO ने 571 सैंपल की जांच की है, जिनमें से 54.1 प्रतिशत में मलेरिया की पुष्टि हुई है।
अधिकारी इबोला, मारबर्ग, डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड और मेनिन्जाइटिस जैसी बीमारियों को लेकर भी जांच कर रहे हैं।
निपटने की तैयारी
बीमारी से निपटने के लिए क्या-क्या किया जा रहा है?
WHO और स्थानीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों की जांच करने और बीमारी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए विशेषज्ञों को प्रभावित गांवों में भेजा है। हालांकि, गांवों के दूरदराज इलाकों में होने और देश के सीमित स्वास्थ्य ढांचे ने प्रशासन के सामने चुनौतियां पैदा की हैं।
WHO ने जांच में तेजी लाने, प्रबंधन में सुधार करने, आइसोलेशन क्षमताओं को बढ़ाने और जोखिम संचार को मजबूत करने के लिए तत्काल कार्रवाई का आह्वान किया है।