पाकिस्तान में मुफ्ती शाह मीर की हत्या, कुलभूषण जाधव के अपहरण में निभाई थी भूमिका
क्या है खबर?
पाकिस्तान में मुफ्ती शाह मीर की शुक्रवार रात बलूचिस्तान के तुरबत शहर में बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। मुफ्ती मीर पर भारतीय कारोबारी और पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव का ईरान से अपहरण करने में शामिल होने का आरोप है।
मीर पर हमला तब हुआ, जब वो मस्जिद से नमाज पढ़कर बाहर निकला था। तभी बाइक सवार हमलावरों ने उसे घेरकर अंधाधुंध गोलियां बरसा दीं, जिससे उसकी मौत हो गई।
पुलिस
घटना के बारे में पुलिस ने क्या बताया?
पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक, पुलिस ने कहा, "इस समय रमजान का महीना चल रहा है। रमजान में मुफ्ती शाह मीर तरावीह (रात को पढ़ी जाने वाली नमाज) पढ़ कर मस्जिद से निकल रहे थे। तभी बाइकसवार बंदूकधारियों ने मुफ्ती पर गोलियां बरसाई। आरोपी मोटरसाइकिल पर सवार थे और मुफ्ती शाह मीर पर गोलियां चला दीं, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। मुफ्ती को तुरंत तुरबत अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।"
परिचय
कौन था मुफ्ती शाह मीर?
मीर जमीयत उलमा-ए-इस्लाम नामक इस्लामी कट्टरपंथी राजनीतिक पार्टी का सदस्य था। तुरबत इलाके के रहने वाले मीर को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का एजेंट माना जाता था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, वो अवैध तरीके से लोगों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने और ड्रग्स और हथियारों की तस्करी करता था। मीर बलूच क्षेत्र से पाकिस्तानी सेना को खुपिया जानकारी देता था।
उसने अफगानिस्तान में पैठ बनाकर वहां के गुटों की जानकारियां भी पाकिस्तानी सेना को दी।
अपहरण
कुलभूषण जाधव के अपहरण में भूमिका
मार्च, 2016 में कुलभूषण जाधव का जैश अल-अदल के मुल्ला उमर ईरानी के नेतृत्व वाले एक समूह ने ईरान-पाकिस्तान सीमा से अपहरण कर लिया था। इस अपहरण में भी मीर की भूमिका सामने आई थी।
पाकिस्तान का कहना है कि कुलभूषण भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) का कर्मचारी हैं और उन्हें जासूसी करते हुए पकड़ा गया।
हालांकि, भारत सरकार शुरू से इन आरोपों को नकारती रही है।
फांसी
कुलभूषण को सुनाई गई थी फांसी की सजा
गिरफ्तारी के एक साल बाद अप्रैल, 2017 में कुलभूषण को मौत की सजा सुनाई गई थी।
भारत ने फांसी की सजा को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (ICJ) का दरवाजा खटखटाया था। ICJ ने साल 2019 में पाकिस्तान को कुलभूषण की फांसी की सजा पर रोक लगाने का निर्देश दिया था।
इसके बाद भारतीय राजनियकों ने काउंसलर एक्सेस के जरिए कुलभूषण से मुलाकात की। फिलहाल वे पाकिस्तान की जेल में बंद हैं।