पत्रकार मारिया रेसा और दमित्री मुरातोव को दिया जाएगा शांति का नोबेल पुरस्कार
फिलीपींस की मारिया रेसा और रूस के दिमित्री मुरातोव को संयुक्त रूप से इस साल का शांति का नोबेल पुरस्कार देने का ऐलान किया गया है। दोनों पत्रकारों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की लड़ाई में उल्लेखनीय योगदान के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया जाएगा। नोबेल कमेटी का कहना है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोकतंत्र और दुनिया में शांति बनाए रखने के लिए जरूरी है। नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में नोबेल कमेटी ने शांति के नोबेल पुरस्कार का ऐलान किया।
कौन हैं मारिया रेसा?
मारिया रेसा के बारे में नोबेल कमेटी ने कहा कि उन्होंने अपने देश फिलीपींस में सत्ता के दुरुपयोग, तानाशाही और हिंसा के प्रयोग को उजागर करने के लिए अभिव्यक्ति की आजादी का सही इस्तेमाल किया था। रेसा ने 2012 में डिजिटल मीडिया कंपनी रैप्लर की स्थापना की थी। वे इस कंपनी की सह-संस्थापक हैं और यह कंपनी खोजी पत्रकारिता को बढ़ावा देती है। इस बार के विजेताओं को 329 प्रतिभागियों में से चुना गया है।
रूस के वरिष्ठ पत्रकार हैं दमित्री मुरातोव
दमित्री मुरातोव रूस के वरिष्ठ पत्रकार हैं। उन्होंने रूस में नोवाजा गाजेटा नाम का अखबार शुरू किया था। नोबेल कमेटी ने कहा कि मौजूदा वक्त में यह रूस का सबसे आजाद अखबार है। मुरातोव के बारे में कमेटी का कहना है कि वो कई दशकों से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करते आ रहे हैं। वो जो कर रहे हैं, वो उस समय और भी खास हो जाता है, जब उनके देश में उनके सामने कई चुनौतियां खड़ी हैं।
कमेटी ने ट्वीट कर दी जानकारी
पिछले साल WFP को मिला था यह सम्मान
पिछले साल वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (WFP) को शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया था। दुनियाभर में भुखमरी के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए WFP को इस सम्मान से नवाजा गया था। इसका ऐलान करते हुए नोबेल कमेटी की प्रमुख बेरिट राइस एंडरसन ने कहा था कि 2019 में 88 देशों के लगभग 10 करोड़ लोगों तक WFP की मदद पहुंची थी। WFP भुखमरी के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाला और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देेने वाली सबसे बड़ी संस्था है।
अल्फ्रेड नोबेल की याद में दिए जाते हैं ये पुरस्कार
नोबेल पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की याद में दिए जाते हैं। इन पुरस्कारों से उन लोगों को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने मानव जाति को फायदा पहुंचाया हो। शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया जाता है। रवीन्द्रनाथ टैगोर, मदर टेरेसा, अमर्त्य सेन, कैलाश सत्यार्थी, चंद्रशेखर वेकंटरमन, अभिजीत बनर्जी और हरगोविंद खुराना आदि ऐसे भारतीय और भारतीय मूल के लोग हैं, जिन्हें नोबेल पुरस्कार मिले हैं।
नोबेल के लिए चार बार नामित हुए थे महात्मा गांधी
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नोबेल पुरस्कारों के लिए चार बार नामित किया गया था, लेकिन उन्हें कभी भी नोबेल पुरस्कार नहीं मिला। महात्मा गांधी को वर्ष 1937, 1938, 1939 और 1947 में इस सम्मान के लिए नामित किया गया था।