
लंदन में आव्रजन विरोधी प्रदर्शन में लाखों की संख्या में जुटे प्रदर्शनकारी, कई पुलिसकर्मियों पर हमला
क्या है खबर?
ब्रिटेन की राजधानी लंदन में शनिवार को अवैध प्रवासियों को देश से निकालने की मांग को लेकर आव्रजन विरोधी कार्यकर्ता टॉमी रॉबिन्सन के बैनर तले में लाखों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने मार्च निकाला। यह ब्रिटेन के हाल के इतिहास के सबसे बड़े प्रदर्शनों में से एक साबित हुआ। इस विरोध प्रदर्शन में देशभर से करीब 1.10 लाख जोग जुटे। प्रदर्शनों के दौरान कई पुलिस अधिकारियों पर हमला भी किया गया, जिसमें 26 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए।
शुरुआत
कैसे हुई विरोध मार्च की शुरुआत?
प्रदर्शन की शुरुआत 'नस्लवाद के खिलाफ खड़े हो जाओ' नामक एक विरोध प्रदर्शन के साथ हुई थी, जिसमें लगभग 5,000 लोग शामिल हुए। उसी दौरान रॉबिन्सन के बैनर तले 'यूनाइट द किंगडम' नाम से आव्रजन विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गया। उसमें प्रदर्शनकारियों ने प्रवासियों के होटलों के बाहर नारे लगाए। उन्होंने यूनियन जैक और लाल-सफेद सेंट जॉर्ज क्रॉस झंडे लहराते हुए अवैध रूप से बसे प्रवासियों को देश से निकालने की मांग की।
समर्थन
कई प्रदर्शनकारियों ने किया डोनाल्ड ट्रंप की नीति का समर्थन
प्रदर्शनकारियों में से कई ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से जुड़ी 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' (अमेरिका को फिर से महान बनाओ) के नारे वाली टोपियां पहन रखी थीं। इसके बाद विरोध मार्च में प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ती गई। मेट्रोपॉलिटन पुलिस को दोनों विरोध प्रदर्शन को अलग रखने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान नस्लवाद को लेकर विरोध जता रहे प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प हो गई। इससे प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।
हमला
प्रदर्शनकारियों के हमले में घायल हुए 26 पुलिसकर्मी
मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने बताया कि 'यूनाइट द किंगडम' रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों ने कई पुलिसकर्मियों पर बोतल, डंडे और खाली डिब्बों से हमले किए। इसमें 26 पुलिसकर्मी घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों को नियंत्रति करने के लिए 1,600 से ज्यादा अधिकारियों को हेलमेट और दंगारोधी ढालों के साथ तैनात किया गया था। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 25 प्रदर्शनकारियों को विभिन्न अपराधों में हिरासत में ले लिया। इनमें से कुछ पर पुलिस के खिलाफ हिंसा करने के आरोप लगाए हैं।
परिचय
कौन हैं टॉमी रॉबिन्सन?
रॉबिन्सन का असली नाम स्टीफन याक्सली लेनन है, उन्होंने राष्ट्रवादी और इस्लाम-विरोधी इंग्लिश डिफेंस लीग की स्थापना की थी। वह ब्रिटेन के सबसे प्रभावशाली दक्षिणपंथी नेताओं में से एक हैं। इस मार्च को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के समर्थन में एक प्रदर्शन के रूप में पेश किया गया है। उनका कहना है कि अवैध प्रवास एक ऐसी समस्या है, जिसे नियंत्रित करने के लिए देश संघर्ष कर रहा है। अब सरकार को सख्त कदम उठाने ही होंगे।
आरोप
रॉबिन्सन ने पुलिस पर लगाया प्रदर्शन को कमजोर दिखाने का आरोप
रॉबिन्सन ने दावा किया कि विरोध प्रदर्शन में लाखों की संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे। एक्स पर उन्होंने एक वीडियो के जरिए अपने समर्थकों का सबसे बड़ा हुजूम बताया और इसे आम विरोध प्रदर्शन जैसा दिखाने के लिए अधिकारियों की आलोचना की। उन्होंने लिखा, 'आज लाखों लोग 'यूनाइट द किंगडम' 'फ्री स्पीच फेस्टिवल' में शामिल होने आए हैं! कोई भी मुख्यधारा का मीडिया जो इसके अलावा कुछ भी छापता है, वह पूरी तरह से झूठ बोल रहा है।'
ट्विटर पोस्ट
यहां देखें रॉबिन्सन की पोस्ट
THERE ARE MILLIONS OUT FOR THE UNITE THE KINGDOM FREE SPEECH FESTIVAL TODAY!!!!
— Tommy Robinson 🇬🇧 (@TRobinsonNewEra) September 13, 2025
Any mainstream media who prints anything otherwise are LYING.
So feel free to call them out on their bullshit and send this video their way.#UniteTheKingdom #UTK #FreeSpeechLondon pic.twitter.com/5FRB7RxVlH
चिंता
अनियंत्रित प्रवास पर मस्क ने भी जताई चिंता
इधर, टेस्ला के CEO और एक्स प्लेटफॉर्म के मालिक एलन मस्क, जिन्होंने इस साल कई बार ब्रिटिश राजनीति में कदम रखा है, वह एक वीडियो में दिखाई दिए और ब्रिटिश सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश होने में एक खूबसूरती है और यहां जो हो रहा है, वह ब्रिटेन का विनाश है। उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर अनियंत्रित प्रवास के साथ ब्रिटेन का तेजी से कमजोर हो रहा है। सरकार को इसे हर हाल में रोकना होगा।