क्या पाकिस्तानी राष्ट्रपति का चीनी सैन्य परिसर का दौरा भारत के लिए है चिंता की बात?
क्या है खबर?
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी इस समय चीन के 10 दिवसीय आधिकारिक दौरे पर हैं। उन्होंने चेंगदू में चीन की सरकारी स्वामित्व वाली एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एविएशन इंडस्ट्री कॉरपोरेशन ऑफ चाइना (AVIC) के उन्नत विमान परिसर का भी दौरा किया है। वह AVIC परिसर पहुंचने वाले पहले विदेशी नेता हैं। यह दौरा दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों का संकेत है। आइए जानते हैं क्या जरदारी का दौरा भारत के लिए चिंता की बात है।
शुरुआत
जरदारी ने कब की थी यात्रा की शुरुआत?
जरदारी गत 12 सितंबर को चीन पहुंचे थे। उनके साथ उनके बेटे बिलावल भुट्टो जरदारी, उनकी बेटी असीफा भुट्टो जरदारी, सीनेटर सलीम मांडवीवाला, चीन में पाकिस्तान के राजदूत खलील हाशमी और पाकिस्तान में चीन के राजदूत जियांग जैदोंग भी थे। इसके बाद 14 सितंबर को जरदारी ने AVIC के विमान परिसर का दौरा किया, जहां उन्हें J-10 लड़ाकू विमान, JF-17 थंडर और J-20 स्टील्थ 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान की प्रगति आदि की जानकारी दी गई थी।
बयान
AVIC परिसर का दौरा करने के बाद जरदारी ने दिया था अहम बयान
AVIC परिसर के दौरे पर जरदारी को आधुनिक बहु-डोमेन परिचालनों के लिए मानव रहित हवाई वाहनों, पूर्ण स्वचालित इकाइयों और एकीकृत कमांड-एंड-कंट्रोल प्रणालियों समेत AVIC की सभी उन्नत प्रणालियों की भी जानकारी दी गई। AVIC परिसर का दौरा करने के बाद जरदारी ने जेट निर्माता की प्रशंसा करते हुए कहा था कि यह चीन की तकनीक के क्षेत्र में लगातार हो रही उन्नति और पाकिस्तान के चीन के साथ स्थायी रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक है।
महत्व
क्या है जरदारी की AVIC परिसर की यात्रा का महत्व?
जरदारी की AVIC परिसर की यात्रा भारत और पाकिस्तान के बिगड़ते संबंधों के बीच चीन और पाकिस्तान के बीच सुरक्षा संबंधों में गहराई का प्रतीक है। दरअसल, AVIC ही J-10C लड़ाकू विमान बनाती है जिसने मई में भारत-पाकिस्तान सैन्य टकराव के दौरान अहम भूमिका निभाई थी। उस समय अमेरिका के अधिकारियों ने पाकिस्तान के भारतीय लड़ाकू विमानों पर हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें दागने के लिए चीन निर्मित J-10 विमान का इस्तेमाल करने का दावा किया था।
विशेषज्ञ
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
कई विशेषज्ञ मानते हैं कि जरदारी की चीन यात्रा पाकिस्तान द्वारा चीन के साथ अपने सैन्य संबंधों को मजबूत करने का एक हिस्सा है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के अनुसार, 2020 से 2024 तक पाकिस्तान चीनी हथियारों का सबसे बड़ा आयातक बनकर उभरा है और कुल हथियार निर्यात में 63 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है। 2020 और 2024 के बीच चीन ने पाकिस्तान को 81 प्रतिशत हथियारों की आपूर्ति की है। यह 2015-19 के बीच के 74 प्रतिशत थी।
हथियार
पाकिस्तान ने चीन से कौन-कौन से हथियार आयात किए?
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने चीन से उन्नत लड़ाकू विमान, मिसाइलें, रडार और वायु रक्षा प्रणालियां आयात की हैं। आज पाकिस्तानी वायुसेना 36 J-10C लड़ाकू विमान और 161 JF-17 लड़ाकू विमान संचालित करती हैं। इसके अलावा चीन ने पाकिस्तान को अपना दूसरा 5वीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान J-35 बेचने की भी पेशकश की है। पाकिस्तान अत्याधुनिक एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली, हवाई पूर्व चेतावनी और नियंत्रण प्लेटफार्म और स्टेल्थ लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए भी बातचीत कर रहा है।
सवाल
क्या जरदारी का दौरा भारत के लिए चिंता की बात है?
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि जरदारी का चीन का दौरा भारत के लिए चिंता का विषय हो सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ युद्ध के बीच भारत और चीन टूटे हुए संबंधों को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के लिए तियानजिन का दौरा किया था। हालांकि, इसके बाद भी चीन और पाकिस्तान की नजदीकी भारत को परेशान कर सकती है।