
ईरान ने परमाणु हथियार बनाने के लिए उठाया बड़ा कदम, परमाणु अप्रसार संधि से निकलेगा बाहर
क्या है खबर?
ईरान ने इजरायल के साथ 4 दिनों से जारी संघर्ष के बीच परमाणु हथियार बनाने के अपने अधिकार को सुरक्षित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है।
उसने परमाणु अप्रसार संधि (NPT) से बाहर निकलने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए ईरान की संसद विधेयक तैयार करने में जुट गई है।
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघई ने इसका खुलासा किया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि ईरान परमाणु हथियारों का पक्षधर नहीं है।
बयान
बाघई ने क्या दिया बयान?
ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बाघई ने कहा कि ईरानी संसद परमाणु अप्रसार संधि (NPT) से बाहर निकलने के लिए एक विधेयक तैयार कर रही है और जल्द ही इसे पारित कर दिया जाएगा।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि ईरान सामूहिक विनाश के हथियारों का विरोध करता है और हम परमाणु हथियार बनाने के पक्षधर नहीं हैं, लेकिन हम परमाणु ऊर्जा और रिसर्च करने के अपने अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।
बयान
इरानी राष्ट्रपति ने भी दिया था अहम बयान
इससे पहले, ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने कहा था कि ईरान का परमाणु हथियार विकसित करने का इरादा नहीं है, लेकिन वह परमाणु ऊर्जा और अनुसंधान के अपने अधिकार का पालन करेगा।
उन्होंने सामूहिक विनाश के हथियारों के खिलाफ सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के धार्मिक फरमान को दोहराया था।
बता दें कि इजरायल और अमेरिका इस समय ईरान पर परमाणु हथियारों का विकास न करने का दबाव बना रहे हैं।
संधि
क्या है NPT संधि?
NPT एक अंतर्राष्ट्रीय समझौता है जिसका उद्देश्य परमाणु हथियारों और संबंधित प्रौद्योगिकियों के प्रसार को रोकना, परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग में सहयोग को बढ़ावा देना और परमाणु निरस्त्रीकरण के साथ पूर्ण वैश्विक निरस्त्रीकरण के लक्ष्य को आगे बढ़ाना है।
ईरान ने 1970 में इस संधि पर 61 अन्य देशों के साथ हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद उसने 1974 में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के साथ अपने सुरक्षा समझौते को भी पूरा किया था।
चेतावनी
इजराइल ने ईरानी हथियार प्रतिष्ठानों के पास रहने वालों को दी चेतावनी
ईरान के यह कदम ऐसे समय उठाया है जब इजराइल के साथ उसकी क्षेत्रीय युद्ध की आशंकाएं बढ़ गई हैं।
इजराइल ने ईरानी हथियार प्रतिष्ठानों के पास रहने वाले लोगों को चेतावनी दी है कि वे अपने ठिकानों को खाली कर दें।
एक अधिकारी ने कहा कि लक्ष्यों की एक लंबी सूची बनी हुई है।
दरअसल, इजरायल ने ईरान के द्वारा एकत्र किए यूरेनियम के भंडार पर आपत्ति जताते हुए उसे अपनी सुरक्षा के लिए खतरा बताया था।
कार्यक्रम
साल 2018 में तेजी से बढ़ा ईरान का परमाणु कार्यक्रम
ईरान का परमाणु कार्यक्रम 2018 से तेजी से आगे बढ़ा है, जब अमेरिका ने उसकी यूरेनियम संवर्धन क्षमता को सीमित करने के लिए एक समझौते से हाथ खींच लिया था, जो परमाणु हथियार बनाने के लिए जरूरी है।
ईरान का कहना है कि उसका कार्यक्रम शांतिपूर्ण है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने उसके पास मौजूद यूरेनियम भंडार को देखते हुए उसके द्वारा मनमाने हथियार बनाने की चेतावनी दी है। यह पूरी दुनिया के लिए चिंता की बात है।
जानकारी
ईरान ने 1957 में शुरू किया था परमाणु कार्यक्रम
ईरान ने अपनी ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के लिए अमेरिका की मदद से 1957 में अपना परमाणु कार्यक्रम शुरू किया था, लेकिन बाद में शक होने पर अमेरिका ने सहयोग वापस ले लिया था। तब से ईरान पर कई आरोप लगते आए हैं।
युद्ध
इजरायल और ईरान के बीच कैसे हुई युद्ध की शुरुआत?
इजरायल ने 13 जून को ईरान की राजधानी तेहरान में परमाणु ठिकानों और सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया था, जिसमें सेना प्रमुख और रिवोल्यूशनरी गार्ड्स प्रमुख समेत कई परमाणु वैज्ञानिक मारे गए।
उसके बाद ईरान ने भी इजरायल के तेल अवीव समेत कई शहरों में भीषण मिसाइल हमले किए।
इन हमलों में ईरान में 224 और इजरायल में 13 लोगों की मौत हो चुकी है। इसी तरह ईरान ने शांति वार्ता के प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया है।