ईरान बना सकता है 6 परमाणु हथियार, तेजी से बढ़ा रहा यूरेनियम का भंडार- रिपोर्ट
क्या है खबर?
अमेरिका और इजरायल के साथ चल रहे तनाव के बीच ईरान परमाणु हथियार बनाने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी एजेंसी IAEA के मुताबिक, ईरान ने अपने परमाणु बम बनाने लायक यूरेनियम का भंडार 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। ईरान के पास 60 प्रतिशत संवर्धित यूरेनियम का भंडार है।
बता दें कि परमाणु हथियार बनाने के लिए 90 प्रतिशत संवर्धित यूरेनियम की जरूरत होती है।
यूरेनियम भंडार
कितना बढ़ा ईरान का यूरेनियम भंडार?
IAEA की एक गोपनीय रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के पास यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड के रूप में 60 प्रतिशत तक संवर्धित यूरेनियम का 274.8 किलोग्राम भंडार है। नवंबर, 2024 में जारी IAEA की रिपोर्ट में ये मात्रा 92.5 किलोग्राम बताई गई थी।
पहले ईरान हर महीने 6-9 किलोग्राम यूरेनियम संवर्धित कर रहा था, लेकिन अब हर महीने 35-40 किलोग्राम कर रहा है। अगर इस यूरेनियम को और संवर्धित किया जाए तो ये 6 परमाणु हथियार बनाने के लिए पर्याप्त होगा।
चिंता
एजेंसी ने जताई चिंता
रिपोर्ट के मुताबिक, 60 प्रतिशत तक संवर्धित यूरेनियम को तकनीकी रूप से परमाणु हथियारों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले 90 प्रतिशत तक संवर्धित यूरेनियम से एक कदम दूर माना जाता है।
IAEA ने रिपोर्ट में कहा, "ईरान द्वारा उच्च संवर्धित यूरेनियम के उत्पादन और संचय में उल्लेखनीय वृद्धि जो कि इस तरह की परमाणु सामग्री का उत्पादन करने वाला एकमात्र गैर-परमाणु हथियार संपन्न देश है, गंभीर चिंता का विषय है।"
बयान
ईरान का क्या कहना है?
ईरान के विदेश मंत्री सय्यद अब्बास अरागची ने कहा कि जब तक अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अधीन अपनी अधिकतम दबाव की नीति को लागू करना जारी रखेगा, तब तक अमेरिका के साथ सीधी बातचीत की संभावना नहीं रहेगी।
उन्होंने कहा, "परमाणु वार्ता में ईरान का रुख स्पष्ट है। वार्ता दबाव या प्रतिबंधों के तहत नहीं होगी। जब तक ऐसी नीतियां जारी रहेंगी, अमेरिका के साथ सीधी बातचीत संभव नहीं होगी।"
प्लस
परमाणु हथियारों को लेकर ईरान के साथ हुआ था समझौता
जुलाई, 2015 में ईरान और अमेरिका समेत कई प्रमुख देशों के बीच परमाणु समझौता हुआ था। इसे JCPOA कहा जाता है।
इसके तहत ईरान ने अरबों डॉलर के आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले में अपने परमाणु कार्यक्रम को काफी कम करने और अधिक अंतरराष्ट्रीय निरीक्षण की अनुमति दी थी।
हालांकि, 2018 में राष्ट्रपति ट्रंप इस समझौते से हट गए थे, जिसके बाद ये समझौता गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है।