पन्नू की हत्या की साजिश मामले पर अमेरिका ने कहा- भारत रणनीतिक साझेदार, पर आरोप गंभीर
खालिस्तान समर्थक आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की कथित हत्या की साजिश के मामले पर व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बड़ा बयान दिया है। अधिकारी ने कहा कि भारत अमेरिका का रणनीतिक साझेदार बना रहेगा और इसे आगे भी मजबूत किया जाएगा, लेकिन जो आरोप लगे हैं वो बेहद गंभीर हैं। इससे पहले अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा था कि नई दिल्ली की ओर से अमेरिका के आरोपों की जांच की घोषणा करना उचित और अच्छा है।
पहले जानिए क्या है मामला
अमेरिका ने भारत पर एक सिख अलगाववादी की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है। इसमें पन्नू का नाम नहीं लिया गया, लेकिन जानकारों का मानना है कि वह अलगाववादी सिख पन्नू ही है। अमेरिका ने इस साजिश में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की है। मामले में एक भारतीय सरकारी कर्मचारी के शामिल होने की बात भी है। आरोप हैं कि सरकारी कर्मचारी ने निखिल को हत्या के लिए मोटी रकम ऑफर की।
अमेरिका के अधिकारी ने मामले पर क्या कहा?
सामरिक संचार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद समन्वयक जॉन किर्बी ने पन्नू की 'हत्या की साजिश' में एक भारतीय नागरिक को दोषी ठहराए जाने पर कहा, "हम आरोपों और जांच को बहुत गंभीरता से ले रहे। हमें यह देखकर खुशी हुई कि भारत भी इसकी जांच के लिए पूरा सहयोग दे रहा है।" उन्होंने कहा, "हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि जो भी इन कथित आरोपों का जिम्मेदार है उसे उचित रूप से जवाबदेह ठहराया जाएगा।"
भारत के साथ संबंधों को करेंगे मजबूत- किर्बी
व्हाइट हाउस के अधिकारी किर्बी ने कहा, "भारत एक रणनीतिक साझेदार बना रहेगा और हम भारत के साथ उस रणनीतिक साझेदारी को बेहतर बनाने और मजबूत करने के लिए काम करेंगे।" इससे पहले भारत द्वारा मामले पर जांच शुरू करने के कदम पर ब्लिंकन ने कहा था कि भारत सरकार ने आज घोषणा की कि वह जांच करेगा जोकि एक उचित कदम है और वे परिणाम देखने के लिए उत्सुक हैं।
भारत ने मामले पर क्या कहा?
भारत ने मामले की जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ही कहा है कि ये मामला गंभीर और भारतीय नीतियों के विपरीत है। इससे पहले बागची ने कहा था, "अमेरिकी पक्ष ने संगठित अपराधियों, आतंकवादियों और अन्य लोगों के बीच सांठगांठ से संबंधित कुछ इनपुट साझा किए थे। हम इन आरोपों को गंभीरता से ले रहे हैं और ये दोनों देशों के लिए चिंता का कारण हैं।"