
कनाडा में कैसे होता है आम चुनाव और कौन हो सकता है अगला प्रधानमंत्री?
क्या है खबर?
कनाडा में जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफा देने के बाद प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले मार्क कार्नी ने रविवार को 28 अप्रैल को आम चुनाव कराने का आह्वान किया।
उन्होंने यह कदम व्यापार युद्ध और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से संप्रभुता संबंधी खतरों के बीच उठाया है।
उन्होंने गवर्नर जनरल मैरी साइमन से संसद भंग करने का अनुरोध किया है और उसे स्वीकार भी कर लिया गया है।
इस बीच जानते हैं कि अगला प्रधानमंत्री कौन हो सकता है।
समर्थन
कार्नी ने देश के लोगों से मांगा समर्थन
प्रधानमंत्री कार्नी ने चुनाव का आह्वान करते हुए कहा, "राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अनुचित व्यापारिक कार्रवाइयों और हमारी संप्रभुता के लिए उनकी धमकियों के कारण हम अपने जीवन के सबसे बड़े संकट का सामना कर रहे हैं। मैं इससे निपटने और सभी के लिए काम करने वाली नई कनाडाई अर्थव्यवस्था बनाने के लिए कनाडाई लोगों से एक मजबूत, सकारात्मक जनादेश मांग रहा हूं क्योंकि मुझे पता है कि हमें बदलाव की जरूरत है। यह बड़ा और सकारात्मक बदलाव होगा।"
उम्मीद
क्या पहले चुनाव कराने से कार्नी को होगा फायदा?
कार्नी को 2 सप्ताह पहले ही ट्रूडो की जगह लिबरल पार्टी का नेता चुना गया था।
ऐसे में सोमवार से शुरू होने वाली संसद से पहले कार्नी ने अचानक चुनाव कराने का आह्वान कर उस अपेक्षित टकराव टाल दिया है कि उनके पास हाउस ऑफ कॉमन्स में सीट नहीं है।
विशेषज्ञों का मानना है कि कार्नी को उम्मीद है कि शीघ्र चुनाव होने से लिबरल पार्टी को मदद मिलेगी, जिसकी लोकप्रियता में एक बार फिर वृद्धि देखी जा रही है।
जानकारी
लिबरल पार्टी के समर्थन में आ रहे लोग
जनवरी में लिबरल पार्टी की संभावनाएं धूमिल दिख रही थीं, लेकिन अब देश के मूड में बदलाव आ रहा है और जनमत सर्वेक्षणों में अप्रत्याशित बदलाव देखने को मिला है। कुछ सर्वेक्षणों के अनुसार, कार्नी की पार्टी बहुमत वाली सरकार बना सकती है।
चुनाव
कनाडा में कैसे होगा चुनाव?
कनाडा के लोग हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए 343 संसद सदस्यों का चुनाव करेंगे, जो 2021 के चुनाव की तुलना में 5 अधिक है।
सीटें फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट प्रणाली के आधार पर जीती जाती हैं। कई पार्टियां एक चुनावी जिले में उम्मीदवार खड़ा कर सकती हैं, जिसे 'राइडिंग भी कहा जाता है।
सबसे ज्यादा वोट पाने वाला उम्मीदवार जीत हासिल करेगा, भले ही उसे पूर्ण बहुमत मिला हो या नहीं। 172 सीटें जीतने वाली पार्टी बहुमत वाली सरकार बनाएगी।
बहुमत
किसी भी पार्टी को 172 सीटें न मिलने पर क्या होगा?
अगर कोई भी पार्टी बहुमत हासिल करने के सफल नहीं हो पाती है तो आम तौर पर सबसे ज्यादा सीटें हासिल करने वाली पार्टी को सरकार बनाने का मौका दिया जाएगा। हालांकि, इसके लिए सदन का विश्वास होना आवश्यक है।
सबसे बड़ी पार्टी छोटी पार्टियों के साथ औपचारिक गठबंधन समझौतों के जरिए अल्पमत सरकार बनाने की कोशिश कर सकती है या दूसरे गुटों के साथ अनौपचारिक या लिखित समझौतों की एक श्रृंखला के जरिए शासन की कोशिश कर सकती है।
उम्मीदवार
कौन है प्रधानमंत्री पद के प्रमुख उम्मीदवार?
प्रधानमंत्री पद के लिए कार्नी को प्रमुख उम्मीदवार माना जा रहा है। वह 2008 के वित्तीय संकट में बैंक ऑफ कनाडा के प्रमुख थे। ब्रेक्सिट के दौरान वह बैंक ऑफ इंग्लैंड के शीर्ष पर थे।
उन्होंने अमेरिका के खिलाफ जवाबी टैरिफ लगाने की कसम खाई है और टैरिफ के प्रभाव को कम करने के लिए उपायों की घोषणा की है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि कनाडा कभी 51वां अमेरिकी राज्य नहीं बनेगा। इससे उनकी छवि मजबूत हुई है।
अन्य
अन्य उम्मीदवारों में कौन-कौन शमिल?
प्रधानमंत्री पद के अन्य दावेदारों में कंजर्वेटिव पार्टी के पियरे पोलिएवर भी शामिल है। 2023 के मध्य से ऐसा लग रहा था कि पोलिएवर चुनाव जीत सकते हैं, लेकिन अब स्थिति बदल गई है और उनकी पार्टी लिबरल्स से थोड़ी पिछड़ गई है।
इसी तरह न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) नेता जगमीत सिंह भी इस दौड़ में शामिल हैं। हालांकि, NDP की लोकप्रियता घटती जा रही है। मार्च में हुए सर्वेक्षणों में केवल नौ प्रतिशत कनाडाई उसे वोट देना चाहते हैं।
जानकारी
यवेस-फ्रांकोइस ब्लैंचेट भी हैं दावेदार
प्रधानमंत्री पद की दौड़ में क्यूबेक राष्ट्रवादी पार्टी ब्लैंचेट ब्लॉक क्यूबेकॉइस का नेतृत्व करने वाले यवेस-फ्रांकोइस ब्लैंचेट भी है। यह पार्टी केवल फ्रांसीसी भाषी प्रांत में चुनाव लड़ती है। हालांकि, इस पार्टी से प्रधानमंत्री बनने की संभावना ही कम है।
मुद्दे
चुनाव के मुख्य मुद्दे क्या हैं?
कनाडा के इस चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप, टैरिफ, व्यापार युद्ध, आवास और स्वास्थ्य मुद्दे के मुद्दे हावी रहेंगे। दूसरी बड़ी चिंता अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा कनाडा की संप्रभुता को लगातार दी जा रही धमकी है।
इतिहासकार पैट्रिस ड्यूटिल की किताब में दावा किया गया है कि 50 प्रतिशत कनाडाई दुनिया में कनाडा की स्थिति को लेकर चिंतित हैं।
इस तरह, कनाडा वर्तमान में कमजोर अर्थव्यवस्था और आवास समस्या से जूझ रहा है। ऐसे में ये मुद्दे चुनाव के केंद्र में रहेंगे।