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धमाकों की आवाज और बिखरे पड़े शव: बोंडी बीच गोलीबारी के पीड़ितों ने सुनाई आपबीती
सिडनी के बोंडी बीच घटना में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देते हुए लोग

धमाकों की आवाज और बिखरे पड़े शव: बोंडी बीच गोलीबारी के पीड़ितों ने सुनाई आपबीती

Dec 15, 2025
07:52 pm

क्या है खबर?

ऑस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित बोंडी बीच पर यहूदी त्योहार हनुक्का के पहले दिन का जश्न मनाने एकत्र हुए लोगों पर 2 बंदूकधारियों ने अंधाधुंध गोलीबारी कर खुशी को मातम में बदल दिया। करीब 10 मिनट हुई गोलीबारी की घटना में एक हमलावर समेत 16 लोगों की मौत हो गई। इस घटना में जान बचाने में सफल रहे लोग उस मंजर को याद कर अभी भी सदमे में हैं। आइए जानते हैं घटना की पूरी कहानी चश्मदीदों की जुबानी जानते हैं।

घटना

कैसे हुई गोलीबारी की यह घटना?

बोंडी बीच पर हनुक्का त्योहार का जश्न मनाने के लिए शाम को करीब 1,000 लोग जमा थे। हमलावरों ने स्थानीय समयानुसार शाम 6:45 बजे अचानक गोलीबारी शुरू कर दी। हमलावरों ने जान बचाकर भागते लोगों को अपना निशाना बनाया। इस घटना में एक हमलावर समेत 16 लोगों की मौत हो गई और 40 से अधिक घायल हो गए। न्यू साउथ वेल्स के मुख्यमंत्री क्रिस मिन्स ने बताया कि मृतकों की उम्र 10 से 87 वर्ष के बीच थी।

हमला

किसने किया यह घातक हमला?

पुलिस आयुक्त माल लैन्योन के अनुसार, हमलावरों की पहचान साजिद अकरम और उनके बेटे नवीद के रूप में हुई है। साजिद की पुलिस के साथ मुठभेड़ में मौत हो गई, जबकि नवीद गंभीर रूप से घायल है और उसका अस्पताल में उपचार जारी है। पुलिस जांच में पता चला कि मृतक 50 वर्षीय साजिद लाइसेंसी आग्नेयास्त्र धारक था। उसके नाम पर 6 हथियार पंजीकृत थे। पुलिस ने बोनीरिग और कैम्पसी में स्थित संपत्तियों पर दो तलाशी वारंट जारी किए हैं।

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हालात

कैसे थे घटना स्थल के हालात?

18 वर्षीय हुसैन रिफी ने रॉयटर्स से कहा, "जब हमने गोलियों की आवाज सुनी मैं अपने दोस्तों के साथ पास के एक शॉवर ब्लॉक में था। हम शीशे के सामने कसरत करते हुए वीडियो बना रहे थे। तभी हमें बैंग, बैंग, बैंग की आवाज सुनाई दी।" उन्होंने कहा, "हम गोलीबारी रुकने तक 20 मिनट तक शॉवर के पास शरण लिए रहे। बाहर देखते ही उन्हें जमीन पर शव पड़े नजर आए। फर्श पर इंसानी शरीर के टुकड़े बिखरे पड़े थे।"

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दहशत

ऐसा लगा कि जैसे धमाके हो रहे हैं- डियाज

चिली निवासी 25 वर्षीय कैमिलो डियाज ने समाचार एजेंसी AFP से गोलीबारी की घटना का वर्णन करते हुए कहा कि ऐसा लगा जैसे 10 मिनट तक लगातार धमाके होते रहे हैं। ऐसा लग रहा था जैसे कोई शक्तिशाली हथियार इस्तेमाल किया गया हो। एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी बताया कि उसने समुद्र तट पर छह मृत या घायल लोगों को पड़े हुए देखा। वह उन्हें देखकर सहम गए, क्योंकि वहां चारो ओर खून ही खून दिखाई दे रहा था।

हिम्मत

अहमद अल ने दिखाई हिम्मत

इस हमले में 43 वर्षीय अहमद अल अहमद की जमकर चर्चा हो रही है, जो एक फल विक्रेता हैं। वह निहत्थे कारों के पीछे छिपते हुए हमलावर तक पहुंचकर उसकी गर्दन पकड़ लेते हैं। इसके बाद उससे राइफल छीनकर उसे जमीन पर गिरा देते हैं और उसी पर बंदूक तान देते हैं। इससे सैकड़ों लोगों की जान बच गई। हालांकि, इस दौरान उन्हें 2 गोली लग जाती है और उनका उपचार चल रहा है। उनकी जमकर प्रशंसा हो रही है।

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