पूर्व CIA अधिकारी की पाकिस्तान को नसीहत, कहा- भारत से युद्ध का कोई फायदा नहीं
क्या है खबर?
केंद्रीय खुफिया एजेंसी (CIA) के पूर्व अधिकारी जॉन किरियाकोउ ने पाकिस्तान को बड़ी नसहीत देते हुए कहा है कि वह भारत के साथ किसी भी पारंपरिक युद्ध में हार जाएगा और उसे युद्ध से कोई फायदा नहीं है। उन्होंने बताया कि 2001 के संसद हमलों के बाद CIA का मानना था कि दोनों परमाणु सशस्त्र राष्ट्र युद्ध में उलझ जाएंगे। बता दें कि किरियाकोउ 15 साल तक CIA में रहे और पाकिस्तान में आतंक विरोधी अभियानों का नेतृत्व किया था।
बयान
किरियाकोउ ने क्या दिया बयान?
किरियाकोउ ने कहा कि पाकिस्तान को इस नीतिगत निष्कर्ष पर पहुंचना होगा कि भारत के साथ युद्ध से उसे कुछ हासिल नहीं होगा। उन्होंने आगे कहा, "भारत और पाकिस्तान के बीच वास्तविक युद्ध से कुछ भी, सचमुच कुछ भी अच्छा नहीं होगा क्योंकि पाकिस्तान हार जाएगा। मैं परमाणु हथियारों की बात नहीं कर रहा हूं। मैं सिर्फ एक पारंपरिक युद्ध की बात कर रहा हूं। भारतीयों को लगातार उकसाने से पाकिस्तान को कोई भी फायदा नहीं है।"
आशंका
संसद हमले के बाद बनी थी युद्ध की संभावना
किरियाकोउ ने कहा कि साल 2002 में अमेरिका को यह अनुमान था कि 2001 में संसद पर हमले के बाद 'ऑपरेशन पराक्रम' के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव युद्ध में बदल सकता है और इसलिए उसने पाकिस्तान से अपने नागरिकों को निकालना शुरू कर दिया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि इस्लामाबाद में अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें अनौपचारिक रूप से बताया गया था कि पेंटागन पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार को नियंत्रित करता है।
दावा
अमेरिका कर सकता था पाकिस्तानी वैज्ञानिक की हत्या- किरियाकोउ
किरियाकोउ ने कहा कि पाकिस्तान के परमाणु बम का डिजाइन तैयार करने वाले अब्दुल कादिर खान को अमेरिका मार सकता था, लेकिन सऊदी अरब के अनुरोध पर उसे छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा, "अगर हमने इजराइली तरीका अपनाया होता, तो हम उसे मार ही डालते। हम जानते थे कि वह कहां रहता था और अपना दिन कहां बिताता था, लेकिन उसे सऊदी सरकार का समर्थन प्राप्त था। उसने ही कादिर को छोड़ने का अनुरोध किया था।"