
अमेरिका द्वारा स्टील और एल्यूमिनियम पर 25 प्रतिशत टैरिफ आज से लागू, क्या होगा असर?
क्या है खबर?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीते महीने अमेरिका में आयात किए जाने वाले स्टील और एल्यूमीनियम पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। आज यानी 12 मार्च से ये आदेश लागू हो गया है।
ट्रंप ने कहा था कि ये आदेश सभी देशों पर समान तरीके से लागू होगा।
इस कदम से घरेलू उपकरण, ऑटोमोबाइल और पेय पदार्थों के डिब्बों के उत्पादन की लागत में वृद्धि हो सकती है।
धमकी
ट्रंप ने कनाडा के स्टील-एल्यूमिनियम आयात को लेकर नई धमकी दी
ट्रंप ने एक दिन पहले कनाडा के स्टील और एल्यूमीनियम आयात पर टैरिफ को दोगुना कर 50 प्रतिशत करने की धमकी दी थी। हालांकि, इसे फिलहाल के लिए रोक दिया गया है।
दरअसल, कनाडा के ओंटारियो प्रांत ने अमेरिका के कुछ राज्यों को भेजी जाने वाली बिजली पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। इसके बाद ट्रंप ने स्टील और एल्यूमीनियम पर टैरिफ दोगुना करने की धमकी दी थी।
असर
फैसले का क्या होगा असर?
कैटो इंस्टीट्यूट के अनुसंधान फेलो क्लार्क पैकार्ड ने AFP से कहा, "टैरिफ का असर कीमतों पर बहुत जल्दी दिखने लगेगा, चूंकि ऑटो विनिर्माण और निर्माण- जिसमें आवासीय और वाणिज्यिक दोनों प्रकार की इमारतें शामिल हैं, देश में स्टील के सबसे बड़े उपयोगकर्ताओं में से हैं।"
वहीं, EY के मुख्य अर्थशास्त्री ग्रेगरी डाको ने लिखा, "टैरिफ का कनाडा पर भारी प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि वह अमेरिका के एल्यूनीमियम आयात का 50 प्रतिशत और स्टील आयात का 20 प्रतिशत आपूर्ति करता है।"
भारत
भारत पर क्या असर हो सकता है?
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कच्चा स्टील उत्पादक है। भारत ने 2023 में अमेरिका को लगभग 34,400 करोड़ रुपये का स्टील और एल्युमीनियम निर्यात किया है। ऐसे में अब 25 प्रतिशत टैरिफ लगने पर भारत को बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है।
जनवरी 2024 में भारत और अमेरिका बिना टैरिफ के 3.36 लाख टन स्टील-एल्यूमिनियन के आयात-निर्यात पर सहमत हुए थे। अब इस कदम का असर भारत के निर्यात पर पड़ना तय है।
अमेरिका
कदम से अमेरिका को भी नुकसान होने की आशंका
टैरिफ बढ़ाने के पीछे ट्रंप का मकसद आयात को कम कर घरेलू स्तर पर उत्पादन को बढ़ावा देना है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इसका असर अमेरिका पर भी पड़ सकता है।
जानकारों का कहना है कि टैरिफ से आयात की लागत में बढ़ोतरी जरूर हो रही है, लेकिन अमेरिका में इन सामानों का उत्पादन की लागत भी लगभग उतनी ही पड़ जाएगी।
हालांकि, ट्रंप ने किसी भी तरह के नुकसान की आशंका से इनकार किया है।