
डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाक संघर्ष को रोकने में अपनी भूमिका का दावा दोहराया, जानिए क्या कहा
क्या है खबर?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध को रोकने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि यह तब संभव हुआ जब उन्होंने अपने प्रशासन से दोनों देशों के साथ सभी व्यापार सौदों को रद्द करने के लिए कहा था। इसके बाद दोनों देशों ने उन्हें फोन कर आगे के कदम के बारे में सुझाव मांगा था। उसके बाद शांति कायम हो सकी थी।
बयान
ट्रंप ने क्या किया दावा?
राष्ट्रपति ट्रंप ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हमने कुछ बेहतरीन काम किए हैं। भारत और पाकिस्तान। यह शायद परमाणु युद्ध होने वाला था। मैंने अपने अधिकारियों से कहा था कि भारत-पाकिस्तान के साथ सभी सौदे रद्द कर दो। वे हमारे साथ व्यापार नहीं कर रहे हैं क्योंकि वे इस समय युद्ध में हैं।" उन्होंने दावा किया कि उनके व्यापार सौरे रद्द करने का कदम उठाने के बाद दोनों देशों ने वापस फोन करके पूछा कि उन्हें क्या करना चाहिए।
समझौता
भारत और पाकिस्तान कैसे संघर्ष विराम तक पहुंचे?
राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया, "मैंने कहा, 'देखिए, आप अमेरिका के साथ व्यापार करना चाहते हैं, लेकिन आप परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करना चाहते हैं। हम इसकी अनुमति नहीं देंगे।" उन्होंने कहा कि दोनों देशों के पास महान नेता हैं जो तनाव को और न बढ़ाने पर सहमत हो गए। इस बीच, ट्रंप ने जल्द ही भारत के साथ एक बड़े व्यापार समझौते का संकेत दिया है, जिसमें 9 जुलाई से पहले द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर करने की योजना है।
इनकार
भारत ने किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से किया है इनकार
भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता के ट्रंप के बार-बार दावों के बावजूद, केंद्र सरकार संघर्ष विराम वार्ता में किसी तीसरे पक्ष की भागीदारी से इनकार करने में दृढ़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप के साथ फोन पर हुई वार्ता में भी इस बात पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि भारत मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा। दोनों देशों की सेनाओं के सैन्य संचालन महानिदेशकों के बीच सीधी बातचीत के बाद शत्रुता समाप्त करने की सहमति बनी है।