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तालिबान से बगराम एयरबेस वापस लेना चाहता है अमेरिका, महीनों से कोशिश कर रहे ट्रंप- रिपोर्ट
अमेरिका अफगानिस्तान के बगराम अड्डे पर दोबारा नियंत्रण करना चाहता है

तालिबान से बगराम एयरबेस वापस लेना चाहता है अमेरिका, महीनों से कोशिश कर रहे ट्रंप- रिपोर्ट

लेखन आबिद खान
Sep 19, 2025
01:36 pm

क्या है खबर?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई महीनों से अपने अधिकारियों पर अफगानिस्तान के बगराम एयर बेस को वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। CNN ने अपनी रिपोर्ट में ये दावा किया है। 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद ये अड्डा फिलहाल तालिबान के कब्जे में है। बीते दिन ही ट्रंप ने खुद स्वीकार किया था कि वे बगराम एयरबेस को फिर से हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।

रिपोर्ट

रिपोर्ट में दावा- बगराम को लेकर मार्च से चल रही है बातचीत

CNN से सूत्रों के हवाले से कहा कि बगराम पर नियंत्रण को लेकर कम से कम मार्च से बातचीत चल रही है। सूत्रों के अनुसार, ट्रंप और उनके अधिकारियों का मानना ​​है कि इस अड्डे पर नियंत्रण कई कारणों से जरूरी है। इनमें सबसे अहम चीन पर नजर रखना है, क्योंकि यहां से चीन की सीमा करीब 500 मील दूर है। इसके अलावा अफगानिस्तान में दुर्लभ खनिजों के खनन और ISIS को निशाना बनाने के लिए भी बगराम अहम है।

बयान

 ट्रंप ने कहा था- हम अड्डे को वापस लेने की कोशिश कर रहे 

बीत दिन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ एक प्रेस वार्ता के दौरान ट्रंप ने स्वीकार किया कि वे बगराम अड्डे को वापस लेने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "हम बगराम एयरबेस को वापस पाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि चीन के परमाणु हथियार बनाने वाले इलाके से यह बेस सिर्फ एक घंटे की दूरी पर है। इसलिए यह हमारे लिए रणनीतिक रूप से बहुत अहम है।" उन्होंने इस जानकारी को ब्रेकिंग न्यूज बताया था।

संकेत

ट्रंप ने पहले भी दिए थे नियंत्रण के संकेत

ट्रंप पहले भी बगराम अड्डे पर नियंत्रण के संकेत दे चुके हैं। उन्होंने मार्च में कहा था, "हम अफगानिस्तान से बाहर निकलने वाले थे, लेकिन बगराम पर कब्जा बनाए रखने वाले थे। ऐसा अफगानिस्तान की वजह से नहीं, बल्कि चीन की वजह से करते। हम बगराम पर एक छोटी सेना तैनात रखने वाले थे।" उन्होंने ये भी कहा था कि बगराम से सैनिकों की पूर्ण वापसी जो बाइडन प्रशासन का मूर्ख फैसला था।

अहमियत

क्यों अहम है बगराम एयरबेस?

यह एयरबेस उस जगह से सिर्फ एक घंटे की दूरी पर है, जहां चीन अपने परमाणु हथियार बनाता है। ट्रंप ने भी सबसे अहम वजह यही बताई है। इसके अलावा यहां से मध्य एशिया और दक्षिण एशिया के ईरान, पाकिस्तान, भारत और चीन सभी पर निगाह रखी जा सकती है। अफगान‍िस्‍तान में तालिबान के बढ़ते प्रभाव और आतंकी संगठनों की गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए भी यह अड्डा अहम है।

एयरबेस

अब बगराम अड्डे के बारे में जानिए 

बगराम अफगानिस्तान का सबसे बड़ा एयरबेस है। यह राजधानी काबुल से 60 किलोमीटर उत्तर में सामरिक महत्व वाले परवान प्रांत में है। 1950 के दशक में सोवियत संघ ने इसे बनाया था। कई सालों तक ये सोवियत का मुख्य अड्डा रहा। 2001 में ये अमेरिका के कब्जे में आ गया। अमेरिका ने यहां अत्याधुनिक रनवे, सैन्य उपकरण, हथियार समेत आधुनिक विमान तैनात कर रखे थे। 2021 में तालिबान की वापसी के बाद अमेरिका को यहां से भागना पड़ा।