डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ दूसरी बार लाया गया महाभियोग प्रस्ताव, निचले सदन में पारित
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड के खिलाफ अमेेरिकी संसद के निचले सदन यानी हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव्स में महाभियोग प्रस्ताव पारित हो गया है। अब ऊपरी सदन यानी सीनेट में ट्रंप पर लगे आरोपों का ट्रायल होगा। इसी के साथ ट्रंप अमेेरिकी इतिहास में ऐसे पहले राष्ट्रपति बन गए हैं, जिनके खिलाफ एक कार्यकाल में दो बार महाभियोग प्रस्ताव लाया गया है। इससे पहले दिसंबर, 2019 में ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया था। आइये, यह पूरी खबर जानते हैं।
ट्रंप पर क्या आरोप है?
डोनाल्ड ट्रंप पर 6 जनवरी को अपने समर्थकों को अमेरिकी संसद परिसर पर हमला करने के लिए उकसाने के आरोप लगे हैं। इस हमले में एक पुलिस अधिकारी समेत कुल पांच लोगों को मौत हुई थी। ट्रंप समर्थकों ने परिसर में घुसकर खूब उत्पात मचाया था। इस मामले में कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। ट्रंप के खिलाफ आए प्रस्ताव के समर्थन में 232 और विरोध में 197 मत पड़े। रिपब्लिकन पार्टी के 10 सासंदों ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया।
आगे क्या होगा?
ट्रंप को महाभियोग के जरिये उनके पद से हटाने के लिए संसद के दोनों सदनों से प्रस्ताव पारित होना जरूरी है। अब सीनेट में निचले सदन के लगाए आरोपों का ट्रायल होगा। इस दौरान अगर सीनेट में दो तिहाई से यह प्रस्ताव पारित हो जाता है तो ट्रंप को तुरंत अमेरिकी राष्ट्रपति का पद छोड़ना पड़ेगा। साथ ही उन्हें भविष्य में किसी सार्वजनिक पद के लिए अयोग्य भी ठहराया जा सकता है।
सीनेट में प्रस्ताव पारित होना मुश्किल
ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल में अब एक हफ्ते का समय बचा है। 20 जनवरी को नए राष्ट्रपति जो बाइडन शपथ ले लेंगे। इतने कम समय में ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर ट्रायल पूरा होना काफी मुश्किल है। अगर इस हफ्ते भी सीनेट की बैठक होती है तो अगले सात दिनों में सारी प्रक्रियाएं पूरी नहीं हो पाएंगी। ऐसे में महाभियोग प्रस्ताव के जरिये ट्रंप को उनके पद से हटाना फिलहाल असंभव लग रहा है।
पेलोसी ने ट्रंप को राष्ट्र के लिए खतरा बताया
हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव्स में डेमोक्रैट्कस बहुमत में है तो यहां पर ट्रंप के खिलाफ प्रस्ताव पारित होने में खास मुश्किलें नहीं आई। हालांकि, इस दौरान सदन में गरमागरम बहस देखने को मिली। संसद अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ने कहा "हम लोग जानते हैं कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने बगावत के लिए उकसाया, हम सभी के देश के खिलाफ हथियारबंद बगावत को हवा दी। उन्हें जाना ही चाहिए। वो राष्ट्र के लिए साफ तौर पर एक मौजूदा खतरा हैं।"
पिछली बार महाभियोग प्रस्ताव क्यों लाया गया था?
ट्रंप के खिलाफ दिसंबर, 2019 में यूक्रेन से जो बाइडन की जांच करने का कहकर कानून तोड़ा था। हालांकि, उस दौरान किसी भी रिपब्लिकन सासंद ने ट्रंप के खिलाफ वोट नहीं दिया था और सीनेट ने उन्हें आरोपों से मुक्त कर दिया था।
ट्रंप ने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की
दूसरी तरफ अपने खिलाफ लाए गए महाभियोग प्रस्ताव के बीच ट्रंप ने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की है। एक वीडियो संदेश में ट्रंप ने कहा, "कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन की रिपोर्ट मिली है। मैं आग्रह करता हूं कि कोई हिंसा नहीं होनी चाहिए। मैं किसी गैर-कानूनी प्रतिक्रिया को कभी समर्थन नहीं दूंगा और अमेरिका भी ऐसी गतिविधियों के समर्थन में खड़ा नहीं होगा। सभी अमेरिकी तनाव कम करने और शांति स्थापित करने में मदद करें।"