
अमेरिका: प्रवासी हिरासत केंद्रों में लोगों को बेड़ियां बांधीं, कुत्तों की तरह दिया जा रहा खाना
क्या है खबर?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश में मौजूद कथित अवैध प्रवासियों के खिलाफ जबरदस्त मुहिम छेड़ रखी है। पूरे अमेरिका में कई हिरासत केंद्र बनाए गए हैं, जहां गिरफ्तार किए गए हजारों प्रवासियों को रखा गया है। अब एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इन केंद्रों में प्रवासियों को दयनीय और अमानवीय स्थितियों में रखा गया है। इन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है और ऐसी परिस्थितियों में रखा गया है, जो जानलेवा हो सकती हैं।
रिपोर्ट
रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
ह्यूमन राइट्स वॉच द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि फ्लोरिडा के 3 हिरासत केंद्रों में प्रवासियों को बेहद खराब हालत में रखा गया है। इस रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है बंदियों को भीड़भाड़ वाली और अस्वास्थ्यकर परिस्थितियों में रखा गया है, जो कभी-कभी जानलेवा भी होती हैं। रिपोर्ट में आव्रजन वकील केटी ब्लैंकेनशिप ने कहा कि लोगों को बंद करने का तीव्र, अराजक और क्रूर तरीका घातक है और मानवाधिकार संकट पैदा कर रहा है।
हालात
हाथ-पैर बांध दिए, कुत्तों की तरह खाना खा रहे- बंदी
रिपोर्ट में एक बंदी के हवाले से कहा गया है, "अधिकारी मुझ पर टूट पड़े, बाँध दिया और घसीटकर बाहर ले गए।" एक अन्य बंदी ने कहा, "अगर आप रोते हैं, तो वे आपको 2 हफ्तों के लिए एकांत कारावास में ले जाते हैं। इसलिए लोग चुप रहते हैं।" हिरासत में लिए गए ब्रिटिश उद्यमी हरपिंदर चौहान ने कहा, "बंदियों को हाथ पीठ के पीछे बांध दिए जाते हैं। हमें कुत्तों की तरह झुककर कुर्सियों से खाना पड़ता था।"
महिलाएं
हिरासत केंद्रों में महिलाओं के लिए खुले शौचालय
हिरासत में ली गई महिलाओं ने बताया कि उन्हें ऐसे कमरों में रखा गया, जहां खुले शौचालय हैं और उन्हें पास की कोठरियों में बंद पुरुष बंदी आसानी से देख सकते हैं। अर्जेंटीना की एक महिला ने कहा, "अगर पुरुष कुर्सी पर खड़े होते, तो वे हमारे कमरे और शौचालय के अंदर तक देख सकते थे। हमने नहाने की अनुमति मांगी, लेकिन उन्होंने कहा कि यह संभव नहीं है, क्योंकि यह केवल पुरुषों के लिए है।"
नियम
जमानत अर्जी दायर नहीं कर सकेंगे हिरासत में लिए गए प्रवासी
हाल ही में आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) ने नई कठोर नीति लागू की है। इसके अनुसार, बिना दस्तावेज के रह रहे प्रवासियों को जमानत की सुनवाई के लिए अयोग्य माना जाएगा। यानी ऐसे लोगों को पूरे मामले की सुनवाई के दौरान महीनों या सालों तक हिरासत में रखा जा सकता है। इससे पहले प्रवासियों को आव्रजन न्यायाधीश के समक्ष जमानत की अर्जी देने का अधिकार था। ICE ने कहा कि इसका उद्देश्य निर्वासन अभियान में तेजी लाना है।