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फिर से तैरने लगा स्वेज नहर में फंसा मालवाहक जहाज, छह दिन बाद रास्ता खुला

फिर से तैरने लगा स्वेज नहर में फंसा मालवाहक जहाज, छह दिन बाद रास्ता खुला

Mar 29, 2021
12:24 pm

क्या है खबर?

मिस्र की स्वेज नहर में पिछले एक हफ्ते से फंसे मालवाहक जहाज 'एवरगिवन' को निकाल लिया गया है और यह फिर से तैरने लगा है। जहाज को चलने लायक बनाने का काम जारी है और उसके पिछले हिस्से के घूमने के कारण नहर का रास्ता भी खुल गया है। नहर के खुलने का इंतजार कर रहे 350 से अधिक अन्य जहाज जल्द ही अपने रास्तों पर आगे बढ़ सकेंगे और व्यापार सुचारू रूप से चालू हो सकेगा।

रिपोर्ट

सुबह 4:30 बजे निकाला गया जहाज

अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने समुद्री सेवाएं देने वाली कंपनी इंचकैप शिपिंग सर्विसेज के हवाले से बताया कि छह दिन के अथक प्रयास के बाद आज सुबह करीब 4:30 बजे जहाज को निकाल लिया गया और यह फिर से तैरने लगा। इसके पिछले हिस्से को किनारे से दूर हटा दिया गया है और यह फिर से तैरने लगा है। कंपनी के अनुसार, अब जहाज को पूरी तरह से संचालन में लाने का काम जारी है।

अभियान

27,000 घन मीटर रेत हटाने के बाद निकला जहाज

NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, जहाज को निकालने के लिए 18 मीटर नीचे की गहराई तक 27,000 घन मीटर रेत निकाला गया। जहाज का आगे का हिस्सा थोड़ा क्षतिग्रस्त हो गया है, हालांकि पूरी जहाज चलाऊ स्थिति में है। नहर का रास्ता साफ होने का इंतजार कर रहे कम से कम 369 जहाज अब अपना आगे का रास्ता तय कर सकेंगे। हालांकि अभी ये स्पष्ट नहीं है कि रास्ते को इन जहाजों के लिए कब खोला जाएगा।

कारण

कैसे फंस गया था जहाज?

ताईवान के एवरग्रीन नामक समूह द्वारा संचालित एवरगिवन कंटेर जहाज पिछले मंगलवार को स्वेज नहर में फंस गया था। इसके चालक दल के सदस्यों के अनुसार, मंगलवार को हवा के तेज बवंडर के कारण जहाज घूम गया और नहर के दोनों किनारों के बीच फंसकर खड़ा हो गया। 400 मीटर लंबा और 59 मीटर चौड़ा यह जहाज चीन से नीदरलैंड के रॉटर्डम के लिए रवाना हुआ था। इसकी लंबाई एफिल टॉवर से भी अधिक है।

अहमियत

बेहद महत्वपूर्ण है स्वेज नहर

मिस्र की स्वेज नहर लाल और भूमध्य सागर को जोड़ती है। दुनिया के सबसे व्यस्त कारोबारी मार्गों में से एक स्वेज नहर वैश्विक कारोबार को आसान बनाने का काम करती है। इससे समुद्री जहाजों का हजारों किलोमीटर का सफर बच जाता है और एशिया से यूरोप जाने वाले जहाजों को अफ्रीका घूमकर नहीं जाना पड़ता। वैश्विक कारोबार का 12 प्रतिशत हिस्सा इस मार्ग से होता है और रोजाना कई हजार कंटेनर इस नहर से होकर गुजरते हैं।

अहमियत

जहाज के फंसने से हर घंटे हो रहा था 2,800 करोड़ रुपये का नुकसान

स्वेज नहर पर वैश्विक व्यापार की इसी निर्भरता के कारण जब एवरगिवन जहाज इसमें फंसा तो वैश्विक अर्थव्यवस्था में हलचल मच गई थी जो कोरोना वायरस महामारी के कारण पहले से ही समस्याओं का सामना कर रही है। जहाज के फंसने के बाद तमाम देशों ने अपने जहाजों को घूम कर अफ्रीका के जरिए भेजना शुरू कर दिया था जो बहुत लंबा रास्ता है। इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को हर घंटे 2,800 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा था।