भारत से तनाव के बीच मालदीव पहुंचा चीन का 'अनुसंधान' जहाज, लगता है जासूसी का आरोप
क्या है खबर?
भारत से तनातनी के बाद मालदीव की चीन से नजदीकी बढ़ती जा रही है। चीन ने अपना एक 'अनुसंधान' जहाज मालदीव की राजधानी माले भेजा है।
'जियांग यांह होंग 03' नामक 4,300 टन वजनी ये जहाज कथित तौर पर हिंद महासागर के तल का मानचित्रण करेगा।
NDTV के मुताबिक, नौसेना के सूत्रों ने बताया है कि समुद्र तल के मानचित्रण से भू-राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद महासागर क्षेत्र में पनडुब्बी संचालन को भी सक्षम बनाया जा सकता है।
सर्वे
जहाज ने 3 हफ्ते तक किया सर्वेक्षण
जहाज-ट्रैकिंग डाटा से पता चला है कि चीनी जहाज ने भारत, मालदीव और श्रीलंका के विशेष आर्थिक क्षेत्रों के ठीक बाहर करीब 3 हफ्ते तक सर्वेक्षण किया।
इस जहाज ने करीब एक महीने पहले चीनी बंदरगाह से सफर शुरू किया था और अब ये माले में रुकेगा।
बता दें कि जियांग यांग होंग 03 ने इससे पहले भी कई बार हिंद महासागर का दौरा किया है। इस पर अनुसंधान के बहाने जासूसी करने का आरोप लगता है।
बयान
मामले पर चीन का क्या कहना है?
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि जहाज द्वारा अनुसंधान विशेष रूप से वैज्ञानिक समझ को लाभ और शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए था।
हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि ये जहाज दोहरे उपयोग वाला है। जहाज द्वारा एकत्रित किए गए डाटा का इस्तेमाल नागरिक और सैन्य दोनों उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
इसी वजह से बीते कुछ सालों में भारत ने हिंद महासागर में चीन के जहाजों की उपस्थिति के बारे में चिंता व्यक्त की है।
चिंता
अमेरिका ने भी जताई थी चीनी जहाजों पर चिंता
पिछले महीने एक अमेरिकी थिंक टैंक ने हिंद महासागर में चीनी जहाजों की गतिविधियों पर चिंता जताई थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन की नौसेना अपने बलों की तैनाती के लिए इन गतिविधियों से प्राप्त जानकारी का लाभ उठा सकती है।
हालांकि, चीन ने इन आरोपों को नकारा था। चीन ने कहा था कि ये उसकी छवि धूमिल करने की साजिश का हिस्सा है। दूसरी ओर मालदीव ने कहा है कि जहाज उसके यहां कोई शोध नहीं करेगा।
यात्रा
मालदीव के राष्ट्रपति की चीन यात्रा के बाद आया जहाज
बता दें कि पिछले महीने मालदीव के राष्ट्रपति मुहम्मद मुइज्जू ने चीन का बहुचर्चित दौरा किया था। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौते हुए थे और चीन ने मालदीव को 12.8 करोड़ डॉलर की सहायता देने का ऐलान किया था।
इसे मालदीव के भारत से दूर जाने और चीन से बढ़ती नजदीकी के तौर पर देखा गया था। अब यात्रा के ठीक बाद मालदीव में चीनी जहाज के आगमन ने भारत की चिंताओं को और बढ़ा दिया है।
विवाद
भारत और मालदीव के बीच है तनाव?
पिछले साल मालदीव में हुए चुनाव में चीन समर्थक और 'इंडिया आउट' का नारा देने वाले मुइज्जू की जीत हुई थी। इसके बाद से ही दोनों देशों में तनाव है और मुइज्जू ने भारत से मालदीव में तैनात सैनिकों को निकालने को कहा था।
इसके बाद जनवरी की शुरुआत में मालदीव के मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की। भारत ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई और कई भारतीयों ने मालदीव का बहिष्कार किया।