
कैसे सुधरेंगे भारत और चीन के संबंध? राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दिए 4 सुझाव
क्या है खबर?
चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन चल रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की द्विपक्षीय वार्ता भी हुई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ दबाव के बीच प्रधानमंत्री मोदी 7 साल बाद चीन पहुंचे हैं। इस बीच उनकी जिनपिंग से बातचीत को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस दौरान जिनपिंग ने द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के 4 सुझाव भी दिए हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
सुझाव
जिनपिंग ने क्या दिए सुझाव?
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने द्विपक्षीय वार्ता के बाद जानकारी दी कि राष्ट्रपति जिनपिंग ने दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने के लिए 4 सुझाव दिए हैं। पहला सुझाव- रणनीतिक संचार को मजबूत करना और आपसी विश्वास को गहरा करना दूसरा सुझाव- आदान-प्रदान और सहयोग का विस्तार करना तीसरा सुझाव- पारस्परिक लाभ और जीत वाले परिणाम प्राप्त करना और एकदूसरे की चिंताओं को समायोजित करना चौथा सुझाव- आमहितों की रक्षा के लिए बहुपक्षीय सहयोग मजबूत करना
प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री मोदी ने क्या दी प्रतिक्रिया?
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति जिनपिंग के सुझावों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। मिस्री ने बताया कि प्रधानमंत्री ने द्विपक्षीय संबंधों के निरंतर और सुचारू विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता की आवश्यकता पर बल दिया है। दोनों नेताओं ने सीमा मुद्दे पर भी चर्चा की। इस दौरान सीमा के सीमांकन को लेकर आगे बातचीत की उम्मीद है, जो आने वाले हफ्तों में हो सकती है।
व्यापार
व्यापार को लेकर बनी बात?
भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और जिनपिंग ने विश्व व्यापार को स्थिर करने में दोनों अर्थव्यवस्थाओं की भूमिका को भी स्वीकार किया। उन्होंने द्विपक्षीय व्यापार, निवेश संबंधों को बढ़ाने और व्यापार घाटे को कम करने के लिए राजनीतिक-रणनीतिक दिशा में आगे बढ़ने की आवश्यकता को रेखांकित किया हैष प्रधानमंत्री मोदी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में राष्ट्रपति जिनपिंग के साथ अपनी बातचीत को 'फलदायी' बताया है।