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कनाडा करेगा अपने नागरिकता नियमों में बदलाव, क्या इससे भारतीयों को फायदा होगा?
कनाडा अपने नागरिकता नियमों में बदलाव करने वाला है

कनाडा करेगा अपने नागरिकता नियमों में बदलाव, क्या इससे भारतीयों को फायदा होगा?

Nov 24, 2025
03:44 pm

क्या है खबर?

कनाडा अपने नागरिकता कानूनों में बदलाव करने की तैयारी में है। इसमें कनाडा के नागरिकों को देश के बाहर जन्मे या गोद लिए गए अपने बच्चों को नागरिकता देने का एक निष्पक्ष और स्पष्ट तरीका देने की योजना बनाई गई है। इससे हजारों भारतीय मूल के परिवारों को फायदा मिलने की उम्मीद है। बता दें कि कनाडा के नागरिकता अधिनियम में संशोधन करने वाले विधेयक C-3 को शाही मंजूरी मिल गई और अब इसके कार्यान्वयन की जिम्मेदारी सरकार पर है।

नियम

कनाडा में क्या नागरिकता के मौजूदा नियम?

कनाडा के प्रथम नागरिकता अधिनियम 1947 ने कुछ प्रावधानों के कारण कई लोगों को अपनी कनाडाई नागरिकता खोनी पड़ी या कभी प्राप्त नहीं हुई। इन नियमों के तहत, देश से बाहर पैदा कनाडाई नागरिक देश से बाहर पैदा हुए अपने बच्चे को स्वतः नागरिकता नहीं दे सकता है। हालांकि, आव्रजन, शरणार्थी और नागरिकता कनाडा (IRCC) ने 2009 और 2015 में नियमों में कुछ परिवर्तन किए थे, जिससे खोए हुए कनाडाई लोगों को नागरिकता प्राप्त करने में मदद मिली थी।

शुरुआत

2009 में शुरू हुई थी कनाडाई नागरिकता के लिए सीमा

कनाडा की आव्रजन एजेंसी के अनुसार, वंश के आधार पर कनाडाई नागरिकता के लिए पहली पीढ़ी की सीमा 2009 में शुरू की गई थी। इसके तहत, कनाडा के बाहर पैदा हुए या गोद लिए गए उन बच्चे को वंश के आधार पर कनाडाई नागरिक नहीं माना जाता है, जिनके कनाडाई माता-पिता भी देश से बाहर पैदा हुए या गोद लिए गए थे। 19 दिसंबर, 2023 को ओन्टारियो सुपीरियर कोर्ट ने प्रथम-पीढ़ी सीमा खंड के हिस्सों को असंवैधानिक माना था।

सुधार

नए नियमों में क्या किया गया है बदलाव?

नागरिकता से संबंधित विधेयक C-3 में एक प्रावधान शामिल है जो इस विधेयक के लागू होने से पहले पैदा हुए लोगों को कनाडा की नागरिकता प्रदान करेगा। IRCC ने कहा, "विदेश में जन्मे या गोद लिए गए कनाडाई माता-पिता, विधेयक के लागू होने की तारीख पर या उसके बाद कनाडा के बाहर जन्मे या गोद लिए गए अपने बच्चे को नागरिकता दे सकेंगे, बशर्ते कि उनका कनाडा से पर्याप्त संबंध हो।"

जानकारी

क्या है कनाडा से पर्याप्त संबंध का मतलब?

IRCC के अनुसार, कनाडा से प्रर्याप्त संबंध का मतलब यहां बच्चे के जन्म या गोद लेने से पहले 1,095 दिनों की कनाड़ा में रहना अनिवार्य है। उसके बाद ही माता-पिता अपने बच्चे को वहां की नागरिकता देने के लिए अधिकृत होंगे।

बयान

IRCC ने दिया अहम बयान

IRCC ने कहा, "नागरिकता के प्रति सरकार का यह दृष्टिकोण परिवारों के लिए निष्पक्षता का समर्थन करता है। यह उस सिद्धांत को मजबूत करता है कि कनाडा के साथ वास्तविक, प्रदर्शित संबंध वंश द्वारा नागरिकता का मार्गदर्शन करते हैं। यह संशोधन नागरिकता अधिनियम को अधिक समावेशी बनाएगा और नागरिकता के मूल्य भी बनाए रखेगा।" बता दें कि विधेयक C-3 के कार्यान्वयन के लिए संघीय सरकार को अभी तारीख निर्धारित करनी है। यह 2026 तक लागू हो जाएगा।

आवश्यकता

क्यों थी नियमों में बदलावों की आवश्यकता?

आव्रजन, शरणार्थी और नागरिकता मंत्री लीना मेटलेज डियाब ने कहा, "नया कानून कनाडा के नागरिकता कानूनों की समस्याओं का समाधान करेगा। इससे विदेश में जन्मे या गोद लिए गए बच्चों वाले परिवारों को न्याय मिलेगा। यह उन लोगों को नागरिकता प्रदान करेगा जिन्हें पिछले कानूनों द्वारा नागरिकता से वंचित रखा गया था और यह भविष्य के लिए स्पष्ट नियम निर्धारित करेगा जो आधुनिक परिवारों की जीवनशैली को दर्शाते हैं। ये बदलाव कनाडाई नागरिकता को मजबूत करेंगे।"

राहत

नियमों में बदलाव से दूर होगी असंवैधानिक बाधा

बदलावों का समर्थन करने वाले कनाडाई इमिग्रेशन लॉयर्स एसोसिएशन (CILA) ने कहा, "यह अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के नियमों के अनुरूप है। दूसरी पीढ़ी की सीमा ने विदेश में जन्मे कनाडाई लोगों के लिए एक अनुचित, दोयम दर्जे की नागरिकता का प्रावधान किया। इसने राष्ट्रीय मूल के आधार पर भेदभाव किया और महिलाओं को सिर्फ बच्चे पैदा करने के लिए कनाडा जाने पर मजबूर किया। नागरिकता कानून में यह संशोधन इस असंवैधानिक बाधा को दूर करता है।"