खालिस्तानी आतंकी निज्जर हत्याकांड के आरोपियों को नहीं मिली, कनाडाई अधिकारियों ने सफाई दी
क्या है खबर?
कनाडा के अधिकारियों ने उन खबरों को खारिज कर दिया, जिसमें खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के आरोपियों की जमानत की बात कही जा रही है।
इंडिया टुडे के मुताबिक, कनाडा के अटॉर्नी जनरल मंत्रालय की वरिष्ठ अधिकारी एन सेमोर ने बताया कि आरोपियों को कोर्ट ने अनिवार्य हिरासत का आदेश दिया है।
ब्रिटिश कोलंबिया कोर्ट ने अगली सुनवाई 11 फरवरी को तय की। आरोपियों को केस प्रबंधन सम्मेलन में आना होगा, जहां पूर्व-परीक्षण आवेदनों पर विचार होगा।
आदेश
कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा?
सेमोर ने बताया कि हिरासत का आदेश यह सुनिश्चित करता है कि अभियुक्त मुकदमा शुरू होने तक हिरासत में रहेंगे।
हालांकि, न्यायाधीश बाद में जमानत आवेदन की समीक्षा कर सकते हैं, लेकिन आरोपियों पर प्रथम श्रेणी की हत्या और हत्या की साजिश का आरोप है, जो गंभीर है, जो जमानत संभावना को कम करती है।
सेमोर ने बताया. "कोर्ट ने चारों आरोपियों पर अनिवार्य हिरासत आदेश लागू किए हैं। सभी हिरासत में हैं। उनकी जमानत पर कोई सुनवाई नहीं हुई।"
जानकारी
क्या है जमानत को लेकर विवाद?
9 जनवरी को मीडिया में खबर आई कि निज्जर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार 4 भारतीय नागरिकों को कनाडा की कोर्ट ने जमानत दे दी है और मुकदमा ब्रिटिश कोलंबिया सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया है। अगली सुनवाई 11 फरवरी को होगी।
गिरफ्तार
कौन हैं गिरफ्तार 4 भारतीय नागरिक?
निज्जर मामले में कनाडा ने मई 2024 में 4 भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया था। इनके नाम करण बराड़, अमनदीप सिंह, कमलप्रीत सिंह और करणप्रीत सिंह है।
चारों आरोपियों को रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) ने कनाडा के अलग-अलग हिस्सों से गिरफ़्तार किया गया था। चारों के मुकदमा कब शुरू और कब खत्म होगा इसकी कोई समयसीमा नहीं है।
अब तक 5 बार सुनवाई टल चुकी है। आरोपियों की जमानत कनाडा सरकार के लिए बड़ा झटका है।
विवाद
क्या है निज्जर की हत्या का मामला?
पिछले साल जून में कनाडा के सरे में निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसका आरोप कनाडा ने भारत पर लगाया था।
भारत ने इन आरोपों को बेतुका बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया और कनाडा से सबूत मांगे थे। इसके बाद दोनों देशों के संबंध काफी तनावपूर्ण हो गए हैं।
जिसका असर वीजा से लेकर राजनयिकों की वापसी और व्यापार पर पड़ा है। कनाडा अभी तक भारत को सबूत नहीं दे सका है।