क्या अमेरिका NATO से बाहर निकल सकता है और भविष्य में इसके क्या परिणाम होंगे?
क्या है खबर?
इन दिनों दुनियाभर में चर्चा हो रही है कि अमेरिका उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) से बाहर निकल सकता है।
इसका कारण है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार एलन मस्क ने 1 मार्च को अमेरिका के नाटो से बाहर निकलने के लिए अपना समर्थन दिया है।
इसी तरह, कई रिपब्लिकन सांसदों ने भी NATO में अमेरिका की सदस्यता पर सवाल उठाए हैं।
आइए जानते हैं कि क्या अमेरिका ऐसा कर सकता है और इसके क्या परिणाम होंगे।
समर्थन
मस्क ने NATO को लेकर क्या कहा?
राष्ट्रपति ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की के बीच ओवर ऑफिस में हुई तीखी बहस के बाद मस्क ने एक्स पर एक यूजर के सुझाव का समर्थन किया, जिसने लिखा था, 'यह NATO और UN छोड़ने का समय है।'
मस्क ने लिखा, 'मैं सहमत हूं।' हालांकि, उन्होंने कारण नहीं बताया।
यूटा के सीनेटर माइक ली ने लिखा, 'यह गठबंधन यूरोप के लिए बढ़िया सौदा है, लेकिन अमेरिका के लिए बुरा सौदा है। हमें NATO से बाहर निकालो।'
रुख
NATO के प्रति कैसा है ट्रंप का रुख?
दिलचस्प रूप से राष्ट्रपति ट्रंप भी NATO के आलोचक रहे हैं। ट्रंप के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन के अनुसार, पहली बार राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के दौरान ट्रंप ने गठबंधन को अप्रचलित कहा था और अगस्त 2019 में उन्होंने कहा था कि उन्हें NATO की परवाह नहीं है।
ट्रंप ने निजी तौर पर चेतावनी दी थी कि अगर, यूरोपीय संघ पर सैन्य हमला हुआ तो अमेरिका उसकी सहायता के लिए कभी भ आगे नहीं आएगा।
प्रतिक्रिया
ट्रंप ने शपथ लेने के बाद NATO पर दिया अहम बयान
ट्रंप ने दूसरी बार राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद कहा था कि अमेरिका गठबंधन के सदस्यों की रक्षा कर रहा है, लेकिन वो अमेरिका की रक्षा नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने NATO सदस्यों से अपने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 5 प्रतिशत रक्षा पर खर्च करने का आग्रह किया, जो वर्तमान 2 प्रतिशत लक्ष्य से कहीं अधिक है।
यह ऐसा ऐसा स्तर है जिसे वर्तमान में अमेरिका सहित कोई भी सदस्य देश पूरा नहीं करता है।
सवाल
क्या अमेरिका NATO से बाहर निकल सकता है?
अमेरिका के लिए यह कदम उठना बहुत मुश्किल है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए कानूनी सिरदर्द पैदा हो सकता है।
सीनेटर टिम केन और मार्को रुबियो ने 2023 में एक कानून बनाया था, जिसके अनुसार NATO से बाहर निकलने के किसी भी राष्ट्रपति के फैसले को या तो दो-तिहाई सीनेट की मंजूरी लेनी होगी या कांग्रेस के एक अधिनियम के माध्यम से अधिकृत किया जाना होगा।
टकराव
कानून को लेकर भी है टकराव
कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस के विधायी वकील करेन सोकोल के अनुसार, पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन के हस्ताक्षर से बना यह कानून किसी संधि से एकतरफा राष्ट्रपति के हटने पर रोक लगाता है।
हालांकि, कई विशेषज्ञ इससे असहमत हैं और उनका कहना है कि यह कानून पूरी तरह से सख्त नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपति इसे दरकिनार कर सकते हैं।
हालांकि, इस कानून को तोड़ने का मतलब कांग्रेस की अनदेखी करने के बराबर माना जाएगा। इससे कानूनी पेचीदगी बढ़ेगी।
जानकारी
क्या NATO को कमजोर कर सकते हैं ट्रंप?
विशेषज्ञों के अनुसार, भले ही ट्रंप आसानी से NATO को नहीं छोड़ सकते, लेकिन वे इसे कमजोर कर सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा कार्यक्रम में वरिष्ठ फेलो कैथलीन जे मैकइनिस के अनुसार, ट्रंप NATO में अपने सहयोग में कमी कर उसे परेशान कर सकते हैं।
परिणाम
अमेरिका के NATO से बाहर निकलने के क्या होंगे परिणाम?
अगर, अमेरिका आगे बढ़कर NATO से बाहर निकल जाता है, तो यह न केवल यूरोप के लिए बल्कि अमेरिका के लिए भी परेशानी का कारण बनेगा।
अमेरिकी विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रोफेसर और NATO पर कई पुस्तकों के लेखक जेम्स गोल्डगियर के अनुसार, इसके परिणाम घातक होंगे। यूरोप तुरंत एक संभावित रूसी हमले के संपर्क में आ जाएगा जिसके लिए वह तैयार नहीं है और उसके लिए वह आगे भी कई सालों तक तैयार नहीं होगा।
नुकसान
अमेरिका को क्या होगा नुकसान?
अमेरिका के बाहर निकलते ही यूक्रेन की रक्षा आपूर्ति कम हो जाएगी। कई यूरोपीय देशों को अपने सैन्य संसाधनों को घर पर ही रखने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इससे यूक्रेन के पास गोला-बारूद खत्म हो जाएगा।
इसी तरह अमेरिका यूरोप, अफ्रीका या पश्चिम एशिया में अपनी उपस्थिति बनाए नहीं रख पाएगा।
इससे कई देश रूस या चीन के करीब चले जाएंगे, जिससे अमेरिकी की ताकत कम होगी और उससे महाशक्ति का तमगा छिन जाएगा।