कनाडा: राम मंदिर को अज्ञात लोगों ने पहुंचाया नुकसान, दीवारों पर लिखे भारत विरोधी नारे
कनाडा के मिसिसॉगा स्थित राम मंदिर को अज्ञात लोगों ने नुकसान पहुंचाया और यहां दीवारों पर भारत विरोधी नारे लिखे और चित्र बनाए। इससे हिंदू समुदाय के लोगों में आक्रोश फैल गया है। टोरंटो स्थित भारतीय दूतावास ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कनाडा सरकार से इस मामले की त्वरित जांच और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इससे पहले भी कनाडा में मंदिरों को नुकसान पहुंचाते हुए भारत विरोधी नारे लिखे गए थे।
दीवारों पर भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारे लिखे गए
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिसिसॉगा स्थित राम मंदिर को अज्ञात बदमाशों ने नुकसान पहुंचाया। उन्होंने मंदिर की दीवारों पर भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारे लिखे। इसके अलावा बदमाशों ने जरनैल भिंडरावाले के समर्थन में भी नारे लिखे। ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन ने इसे एक घृणित अपराध बताते हुए कहा कि अधिकारी इस मामले को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं और आरोपियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
ब्रैम्पटन मेयर बोले- पूजा स्थलों की सुरक्षा होगी सुनिश्चित
ब्रैम्पटन मेयर ने अपने ट्वीट में लिखा, 'पुलिस अधिकारी इसे घृणा अपराध मानकर इसकी काफी गंभीरता से जांच कर रहे हैं। इस घटना की जांच की जिम्मेदारी 12 डिवीजन के पास है और वे इसके लिए जिम्मेदार लोगों को खोजेंगे। कनाडा में धार्मिक स्वतंत्रता एक चार्टर अधिकार है और हम इसकी रक्षा के लिए हर कदम उठाएंगे। हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हर कोई अपने पूजा स्थल में सुरक्षित रहे।'
भारतीय दूतावास ने की घटना की निंदा
भारतीय दूतावास ने अपने ट्वीट में लिखा, 'हम मिसिसॉगा में भारत विरोधी चित्रों को राम मंदिर पर उकरने की कड़ी निंदा करते हैं। हमने कनाडा के अधिकारियों से घटना की जांच करने और दोषियों पर त्वरित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।' इससे पहले भारतीय दूतावास ने 31 जनवरी को ब्रैम्पटन स्थित गौरी शंकर मंदिर में हुई तोड़फोड़ की घटना पर कहा था कि इन घटनाओं से कनाडा के भारतीय हिंदू समुदाय के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है।
कनाडा में कई मंदिरों पर हो चुका है हमला
31 जनवरी को ब्रैम्पटन में खालिस्तान समर्थकों ने गौरी शंकर मंदिर को निशाना बनाते हुए तोड़फोड़ की थी और दीवारों पर भारत विरोधी नारे लिखे थे। पिछले साल जुलाई में भी रिचमंड हिल स्थित विष्णु मंदिर में महात्मा गांधी की मूर्ति को खंडित कर दिया गया था। इसके बाद सिंतबर में खालिस्तानी कट्टरपंथियों ने टोरंटो स्थित BAPS स्वामीनारायण मंदिर पर हमला करते हुए मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी नारे लिख दिए थे।
कनाडाई संसद में भी उठा था मंदिरों पर हमले का मामला
हिंदू मंदिरों पर लगातार हमलों का मुद्दा कनाडा की संसद में भी उठा था। फरवरी महीने की शुरुआत में भारतीय मूल के कनाडाई सांसद चंद्र आर्य ने मंदिर पर हुए हमले की निंदा की थी। उन्होंने कहा था, "कनाडा में बढ़ते हिंदूफोबिया से हिंदू कनाडाई बहुत दुखी हैं। यह एक खतरनाक प्रवृत्ति है और हिंदुओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को सरकार को रोकना चाहिए।" उन्होंने सरकार से मुद्दे को गंभीरता से लेने की मांग की थी।