#NewsBytesExplainer: क्या है अल-कादिर ट्रस्ट मामला, जिसमें पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान हुए गिरफ्तार?
क्या है खबर?
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (PTI) के प्रमुख इमरान खान को मंगलवार को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।
इसमें इमरान पर प्रधानमंत्री रहने के दौरान एक वित्तीय समझौते के तहत आर्थिक लाभ अर्जित करने का आरोप है।
आइए जानते हैं अल-कादिर ट्रस्ट से जुड़ा यह पूरा मामला क्या है, जिसमें गिरफ्तारी होने के बाद इमरान की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं।
ट्रस्ट
क्या है अल-कादिर ट्रस्ट?
अल-कादिर यूनिवर्सिटी प्रोजेक्ट ट्रस्ट पंजाब प्रांत में उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए यूनिवर्सिटी स्थापित करने के लिए बनाया गया था। ट्रस्ट ने इसके लिए बड़े पैमाने पर भूमि का अधिग्रहण भी किया था।
इस ट्रस्ट का नाम अल्लाह के एक नाम 'अल-कादिर' पर रखा गया है, जिसका अर्थ सर्व-शक्तिशाली है।
पंजाब सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के नियमों के अनुसार, ट्रस्ट ने यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए लाहौर की गवर्नमेंट कॉलेज यूनिवर्सिटी में आवदेन किया था।
विश्वविद्यालय
कहां बन रही है यूनिवर्सिटी?
अल-कादिर यूनिवर्सिटी का निर्माण पंजाब प्रांत के झेलम जिले के सोहावा शहर में हो रहा है। यह राजधानी इस्लामाबाद से करीब 80 किलोमीटर दूर है।
सार्वजनिक-निजी साझेदारी पर आधारित यह यूनिवर्सिटी प्रबंधन और इस्लामिक अध्ययन में कोर्स करवा रही है। बतौर रिपोर्ट्स, इसमें फिलहाल 120 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।
अल-कादिर यूनिवर्सिटी प्रोजेक्ट ट्रस्ट के चेयरमैन और तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने 5 मई, 2019 को इस यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखी थी।
आरोप
इमरान खान पर क्या आरोप हैं?
यूनिवर्सिटी बनने से पहले तत्कालीन इमरान सरकार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में घिरी इस्लामाबाद की रियल एस्टेट कंपनी बाहरिया टाउन के बीच एक समझौता हुआ था।
आरोप है कि कंपनी ने अपने खिलाफ केस बंद करने के लिए एक बिचौलिये के जरिए इमरान को एक बड़ी धनराशि और यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए सोहावा में भूमि दी थी।
इसके कारण पाकिस्तान के राष्ट्रीय खजाने को कथित तौर पर 19 करोड़ पाउंड का नुकसान हुआ था।
खुलासा
कैसे हुआ मामले का खुलासा?
पिछले साल जून में पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह ने इमरान के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक समिति के गठन की घोषणा की थी।
उन्होंने कहा था कि बहरिया टाउन ने यूनाइटेड किंगडम (UK) में एक पाकिस्तानी नागरिक को अवैध रूप से धनराशि हस्तांतरित की थी, जिसे ब्रिटिश नेशनल क्राइम एजेंसी (NCA) ने गिरफ्तार किया था।
इस शख्स ने पूछताछ के दौरान कथित तौर पर पूरे मामले के बारे में जानकारी दी थी।
जानकारी
इस मामले में और कौन-कौन आरोपी है?
इस पूरे मामले में इमरान के अलावा उनकी पत्नी बुशरा बीबी और उनके दो करीबी सहयोगी, जुल्फिकार बुखारी और बाबर अवान, भी आरोपी हैं। इमरान ने अल-कादिर ट्रस्ट में बुशरा, बुखारी और अवान को पदाधिकारी के तौर पर नामित किया हुआ था।
वारंट
किसने जारी किया था इमरान की गिरफ्तारी का वारंट?
पाकिस्तान की प्रवर्तन और जांच एजेंसी नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) ने अल-कादिर ट्रस्ट मामले में इमरान के खिलाफ वारंट जारी किया था, जिसके बाद पाकिस्तान रेंजर्स ने इमरान को इस्लामाबाद हाई कोर्ट के परिसर से गिरफ्तार कर लिया।
NAB के चेयरमैन लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) नजीर अहमद बट ने यह वारंट 1 मई को जारी किया था। NAB ने खान के खिलाफ राष्ट्रीय जवाबदेही अध्यादेश, 1999 की धारा 9A के तहत मामला दर्ज किया है।
आरोपी
इमरान तोशखाना मामले में भी हैं आरोपी
इमरान के खिलाफ तोशखाना मामले में भी गैर-जमानती वारंट जारी हुआ था, जिसे कोर्ट ने निलंबित कर दिया था।
इमरान पर पाकिस्तान का प्रधानमंत्री रहने के दौरान विदेशी सरकारों से मिले बेशकीमती उपहारों में से कुछ को अपने पास रखने या बेचने का आरोप है।
ये सभी उपहार पाकिस्तान सरकार की संपत्ति होते हैं, जिन्हें तोशखाने में रखा जाता है। इमरान ने अपने कार्यकाल के दौरान मिले उपहारों की जानकारी का खुलासा करने से भी मना कर दिया था।
राजनीति
इमरान का मामले पर क्या कहना है?
इमरान अपने खिलाफ दर्ज मामलों को राजनीति से प्रेरित बताते आए हैं। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान सरकार उनकी और PTI की राजनीतिक सक्रियता को खत्म करना चाहती है।
इमरान ने कहा था कि उनके खिलाफ की जा रही साजिश 'लंदन प्लान' का हिस्सा है, जहां पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को दोबारा सत्ता में लाने की प्रतिबद्धता जताई गई थी।
बतौर रिपोर्ट्स, इमरान के खिलाफ देशभर की कोर्ट में 120 से अधिक केस दर्ज हैं।