भारत के बाद अफगानिस्तान भी रोकेगा पाकिस्तान का पानी, कुनार नदी पर बांध बनाएगा तालिबान
क्या है खबर?
भारत के बाद अब अफगानिस्तान भी पाकिस्तान की पानी की आपूर्ति रोकने की तैयारी में है। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने कहा है कि वो कुनार नदी पर बिना देरी के बांध का निर्माण शुरू करेगी। ये नदी अफगानिस्तान से निकलकर पाकिस्तान में बहती है और पानी की आपूर्ति का एक बड़ा स्रोत है। तालिबान के जल मंत्री ने कहा कि अफगानों को अपने जल संसाधनों के पूर्ण इस्तेमाल का अधिकार है।
बयान
तालिबान सरकार ने दिए जल्द काम पूरा करने के निर्देश
तालिबान के उप सूचना मंत्री मुजाहिद फराही ने बताया कि सर्वोच्च नेता शेख हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने जल और ऊर्जा मंत्रालय को निर्देश दिए हैं कि कुनार नदी पर बांधों का निर्माण जल्द शुरू किया जाए। इसके लिए विदेशी कंपनियों का इंतजार करने की बजाय घरेलू अफगान कंपनियों से ही अनुबंध किए जाएं, ताकि काम जल्द पूरा हो सके। जल एवं ऊर्जा मंत्री मुल्ला अब्दुल लतीफ मंसूर ने कहा कि अफगानों को अपने जल संसाधनों के प्रबंधन का अधिकार है।
चीन
पहले चीन बना रहा था बांध
द डिप्लोमेट की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान के जल एवं ऊर्जा मंत्रालय ने कहा था कि पहले एक चीनी कंपनी कुनार नदी पर बड़े बांधों में निवेश करना चाहती थी। इससे 2,000 मेगावाट बिजली उत्पादन हो सकता था। इसी साल जनवरी में जब तालिबान सरकार ने इसी नदी पर एक बांध के निर्माण का ऐलान किया था, तो कई पाकिस्तान ने इसका विरोध किया था। हालांकि, हालिया संघर्ष के बाद अफगानिस्तान-पाकिस्तान के संबंध और खराब हो गए हैं।
असर
पाकिस्तान पर क्या होगा असर?
कुनार नदी पाकिस्तान के चित्राल से निकलकर अफगानिस्तान से होते हुए करीब 300 मील बहने के बाद दोबारा पाकिस्तान में लौटती है और काबुल नदी से मिल जाती है। पाकिस्तान इसके पानी का इस्तेमाल खैबर पख्तूनख्वा में सिंचाई और बिजली उत्पादन के लिए करता है। खासकर सर्दियों में यहां की 17 प्रतिशत खेती अफगान की जमीन से आने वाले पानी पर टिकी है। पाकिस्तान पहले भी काबुल समेत दूसरे नदियों पर जलविद्युत परियोजनाओं का विरोध कर चुका है।
भारत
भारत ने रद्द कर दी है सिंधु जल संधि
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ हुई सिंधु जल संधि को रद्द कर दिया है। इस संधि के तहत, सिंधु घाटी में बहने वाली 3 पूर्वी नदियों (रवि, सतलज, व्यास) पर भारत का, जबकि 3 पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब) पर पाकिस्तान का अधिकार है। भारत ने कहा था कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकता। अफगानिस्तान के इस कदम के बाद पाकिस्तान पर दोहरी मार पड़ना तय है।