अमेरिका: 128 साल बाद दफनाया जाएगा चोर का शव, जानें वजह
लगभग 128 साल पहले अमेरिका के पेंसिल्वेनिया की जेल में एक चोर की किडनी फेल होने से मौत हो गई थी। अब एक सदी से भी अधिक समय के बाद रीडिंग शहर के निवासी उसके ममीकृत अवशेषों को अंतिम विदाई देने जा रहे हैं। इससे पहले चोर के मृत शरीर को प्रदर्शनी में रखा गया था। ऐसा क्यों किया गया, आइए हम आपको इसका कारण और पूरे मामले के बारे में विस्तार से जानते हैं।
चोर की असली पहचान अज्ञात
स्काई न्यूज के मुताबिक, चोर की असली पहचान अज्ञात है क्योंकि गिरफ्तारी के समय उसने अधिकारियों को नकली नाम बताया था। जेल के अधिकारियों ने काफी समय तक चोर के रिश्तेदारों की खोज की, लेकिन जब वे इसमें विफल रहे तो उसके शव को अंतिम संस्कार गृह को सौंप दिया गया। स्थानीय लोग उसे 'स्टोनमैन विली' के नाम से जानते हैं।
इस तरह से प्रदर्शनी का हिस्सा बना चोर का शव
रॉयटर्स के अनुसार, चोर की 19 नवंबर, 1895 को एक स्थानीय जेल में मृत्यु हो गई थी। उसके अवशेषों को गलती से एक शवदाह विशेषज्ञ द्वारा ममीकृत कर दिया गया, जो एक नई तकनीक का इस्तेमाल कर रहा था। नवंबर, 1985 में शवदाह विशेषज्ञ की मृत्यु के बाद उसके द्वारा इकट्ठे किए गए अवशेष औमन के अंतिम संस्कार गृह में प्रदर्शित किए गए। इस वजह से पिछले कई वर्षों से चोर का शव प्रदर्शनी का हिस्सा रहा।
अंतिम संस्कार गृह ने इसलिए शव को 128 साल तक संभाल कर रखा
शवदाह विशेषज्ञ ने चोर के शव पर एक प्रायोगिक शव लेपन तकनीक का उपयोग किया था। इसके बाद अंतिम संस्कार गृह ने शव को दफनाने के बजाय अपने पास रखने की अनुमति के लिए सरकार के पास याचिका दायर की। अंतिम संस्कार गृह ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वे प्रायोगिक शव-संश्लेषण प्रक्रिया की निगरानी करना चाहते थे। अब 100 से अधिक वर्षों के बाद शव को अंतिम विदाई दी जा रही है क्योंकि उसकी असली पहचान पता लग गई है।
7 अक्टूबर को होगा चोर का अंतिम संस्कार
स्टोनमैन विली की मृत्यु के 100 से अधिक वर्षों के बाद आधुनिक तकनीक और ऐतिहासिक दस्तावेजों की गहन खोज का उपयोग करके अंतिम संस्कार गृह ने आखिरकार स्टोनमैन विली की असली पहचान का पता लगा लिया है। 7 अक्टूबर (शनिवार) को विली की अंतिम यात्रा होगी। उसे एक स्थानीय कब्रिस्तान में दफनाया जाएगा और उसकी कब्र के पत्थर पर उसका असली नाम लिखवाया जाएगा।