कांगड़ा में बनाई गईं 18वीं सदी की 2 पेंटिंग हुईं नीलाम, 31 करोड़ रुपये लगी कीमत
क्या है खबर?
भारत एक ऐसा देश है, जो न केवल अपनी समृद्ध संस्कृति, बल्कि कला के लिए भी विश्व प्रसिद्ध है।
यहां के चित्रकारों द्वारा कैनवास पर उकेरी गईं कलाकृतियां आज भी लोगों के मन को भाति हैं और पेंटिंग करने के लिए प्रेरित करती हैं।
लोग दुर्लभ भारतीय पेंटिंग को खरीदने के लिए बेझिझक करोड़ों रुपये भी खर्च कर देते हैं। इसी कड़ी में अब कांगड़ा में 18वीं सदी में बनाई गईं 2 पेंटिंग करोड़ों की कीमत पर नीलाम हुई हैं।
नीलामी
जानिए कहां आयोजित हुई इन कलाकृतियों की नीलामी
इन कलाकृतियों की नीलामी पंडोल्स नामक नीलामी घर द्वारा आयोजित करवाई गई थी, जो कि मुंबई में स्थित है। इस नीलामी का आयोजन हैमिल्टन हाउस में किया गया था, जिस दौरान कई भारतीय कलाकारों की पेंटिंग नीलाम हुईं थीं।
इनमें हिमाचल प्रदेश के 2 कलाकारों की नायाब पेंटिंग भी शामिल थीं, जिन्हें सामूहिक रूप से 31 करोड़ रुपये की भारी कीमत पर नीलाम किया गया है।
नीलामी को 'स्वर्गीय और सांसारिक प्रसन्नता: भारतीय शास्त्रीय पेंटिंग' नाम दिया गया था।
पहली पेंटिंग
1750 में बनाई गई थी नीलाम होने वाली पहली पेंटिंग
दोनों पेंटिंग में से एक को 18वीं सदी के प्रसिद्ध कलाकार नैनसुख ने बनाया था, जो कांगड़ा के निवासी थे। इस पेंटिंग में राजा बलवंत देव को एक संगीतमय भोज की मेजबानी करते हुए दर्शाया गया है।
बता दें कि यह कलाकृति 1750 में बनाई गई थी और इसकी अनुमानित कीमत 2 से 3 करोड़ के बीच तय की गई थी। हालांकि, इस दुर्लभ पेंटिंग को 15 करोड़ रुपये में नीलाम किया गया है।
दूसरी पेंटिंग
भगवान कृष्ण की पेंटिंग 16 करोड़ रुपये में हुई नीलाम
नीलाम होने वाली दूसरी कलाकृति 1775 के आसपास बनाई गई थी, जिसके चित्रकार का नाम अज्ञात है। हालांकि, माना जाता है कि वह नैनसुख के वंशज रहे होंगे।
इस पेंटिंग में 12वीं शताब्दी के संस्कृत कवि जयदेव के एक श्लोक को दर्शाया गया है, जिसमें भगवान कृष्ण को हरे-भरे वृन्दावन उपवन में गोपियों के साथ नृत्य करते हुए दिखाया गया है।
इस खूबसूरत पेंटिंग को 16 करोड़ रुपये में नीलाम किया गया है।
संग्रह
इस अधिकारी के निजी संग्रह का हिस्सा थीं नीलाम होने वाली कुछ पेंटिंग
इस नीलामी में बेची जाने वाली कुछ पेंटिंग भारतीय सिविल सेवा अधिकारी और 1950 के दशक में हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्य आयुक्त रहे एनसी मेहता के निजी संग्रह का हिस्सा थीं।
पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित पहाड़ी चित्रकार विजय शर्मा इस नीलामी से बेहद प्रसन्न हुए।
उन्होंने नीलामी के विषय में कहा, "पहाड़ी कलाकृतियों ने संग्राहकों और कला प्रेमियों का ध्यान आकर्षित किया और वे अच्छी कीमत पर नीलाम हुईं।"