सिर्फ लाइटबल्ब बदलने की नौकरी में मिलेंगे 1 करोड़ रुपये, जानिए क्या होनी चाहिए योग्यता
अगर आप अपनी नौकरी या करियर बदलने के बारे में सोच रहे हैं तो आप लाइटबल्ब बदलने का काम चुन सकते हैं। इसके लिए आपको 1 करोड़ रुपये मिल सकते हैं। यकीनन आपको इस बात पर हैरानी हो रही होगी, लेकिन टिक-टॉक पर साझा किए गए एक वीडियो में यह दावा किया गया है कि आप टॉवर लालटेन चेंजर की भूमिका में एक लाइटबल्ब बदलने के लिए 1 करोड़ रुपये प्राप्त कर सकते हैं। आइये इसकी बारे में जानते हैं।
मोटी तनख्वाह होने के बाद भी नौकरी के लिए लोगों की कमी
यह नौकरी कोई आम बल्ब लगाने की नहीं है, इसलिए इतनी मोटी तनख्वाह होने के बावजूद इस नौकरी को लेने वाले लोगों की कमी है। इसमें व्यक्ति को 600 मीटर से अधिक ऊंचे सिग्नल टावर पर लाइटबल्ब लगाना होगा। यह सिग्नल टावर सामान्य लंबे टावरों से अलग है। यह टावर धातु के ब्रैकेट से बनाया गया है। इसकी ऊंचाई जितनी ज्यादा होगी, उतना ही पतला ब्रैकेट होगा। इसमें सुरक्षा के लिए सिर्फ रस्सी का इस्तेमाल किया जाता है।
नौकरी के लिए इन योग्यताओं की है जरूरत
इस नौकरी को करने के लिए सबसे जरूरी योग्यता है कि आपको ऊंचाई से डर नहीं लगना चाहिए। इसके अलावा आपको शारीरिक रूप से फिट होने की भी जरूरत है। इसका कारण यह है कि जमीन से 600 मीटर के टावर के शीर्ष पर चढ़ने में लगभग 3 घंटे का समय लगता है। उस दौरान शीर्ष पर हवा की अधिकतम गति लगभग 100 किलोमीटर होगी। वहीं टावर से उतरने का समय मिलाएं तो यह कुल 6 घंटे हो जाएगा।
1 साल से कम अनुभवी लोग भी कर सकते हैं अप्लाई
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस तरह की कई नौकरियां जोबल पर सूचीबद्ध हैं। वीडियो में यह भी बताया है कि कुछ साइटों में इस तरह की नौकरी के लिए समय के हिसाब से अलग-अलग तनख्वाह निर्धारित की गई है। इस नौकरी के लिए एक साल से कम अनुभवी लोग भी प्रवेश कर सकते हैं। सभी की तनख्वाह उनके अनुभव के मुताबिक बदल सकती है, लेकिन फिर भी यह राशि प्रभावशैली रहेगी।
घर में रोशनी के लिए सिर्फ एक बल्ब का इस्तेमाल करता है यह व्यक्ति
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया निवासी मार्टिन बोंगियोर्नो ने बिजली बिल को कम रखने के लिए पूरे घर में सिर्फ एक बल्ब का इस्तेमाल करते थे। उन्होंने कहा था, "मेरे पास कमरे के बीच में एक लैंप है और अगर मुझे एक कमरे से दूसरे कमरे में जाने की जरूरत होती है तो मैं उसमें से बल्ब निकालकर दूसरे कमरे में जाता हूं। इसके अलावा जब बाहर पूरी तरह अंधेरा हो जाता है, मैं तब ही बल्ब जलाता हूं।"