पुदुचेरी: युवक के पेट से निकले 5 ब्लेड, 5 सेफ्टी पिन और 13 हेयरपिन, डॉक्टर हैरान
कई बार ऐसे हैरान कर देने वाले मामले सामने आते हैं, जिन पर यकीन कर पाना मुश्किल हो जाता है। पुदुचेरी से भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां के एक निजी अस्पताल में डॉक्टरों की एक टीम ने 20 वर्षीय युवक के पेट से 5 रेजर ब्लेड, 5 सेफ्टी पिन और 13 हेयरपिन निकाली है। फिलहाल युवक की हालत स्थिर है और उसे अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई है। आइये पूरा मामला जानते हैं।
क्या है मामला?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 20 वर्षीय अज्ञात युवक को पिछले कुछ हफ्तों से गंभीर पेट दर्द की शिकायत थी और उसे खून की उल्टी भी होती थी। इसके इलाज के लिए जब वह गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड मेडिकल सेंटर (GEM) अस्पताल गया तो डॉक्टर ने सबसे पहले उसकी एंडोस्कोपी की। जांच के दौरान डॉक्टर को युवक के पेट में कई नुकीली चीजें दिखी, जिसके बाद 7 अगस्त को युवक को भर्ती कराया गया।
एंडोस्कोपी के माध्यम से पेट से निकाली गई नुकीली चीजें
भर्ती के बाद डॉक्टरों की एक टीम ने 8 अगस्त को लगभग 2 घंटे तक एंडोस्कोपी प्रक्रिया के माध्यम से युवक के पेट से नुकीली चीजों को सफलतापूर्वक निकाल दिया। इनमें 5 रेजर ब्लेड, 5 सेफ्टी पिन और 13 हेयरपिन थी। युवक का इलाज अच्छे से हो गया था और उसने सामान्य आहार भी लेना शुरू कर दिया था, इसलिए उसे अगले दिन यानी 9 अगस्त को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी।
मनोरोग विकार का रोगी है युवक
युवक का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि मरीज बचपन में ही मानसिक समस्याओं से जूझ रहा है। उन्होंने कहा, "मरीज मनोरोग विकार का रोगी है और उसने किसी भी ऐसी नुकीली वस्तु के सेवन से इनकार किया है। हालांकि, आशंका है कि युवक ने इन नुकीली चीजों को खाने में मिलाकर खाया होगा। फिलहाल उसकी हालत ठीक है, लेकिन इससे आंतों में गंभीर बीमारी होने की आशंका बढ़ भी सकती थी।"
डॉक्टरों की टीम की हुई सराहना
युवक के इलाज के लिए डॉक्टरों की टीम में डॉ के शशिकुमार, डॉ सुगुमारन, डॉ राजेश और डॉ रंजीत शामिल थे। GEM अस्पताल के अध्यक्ष डॉ सी पलानीवेलु ने इस प्रयास के लिए टीम की सराहना की है।
मरीज के पेट ने निकाली गई थी 62 स्टील की चम्मचें
इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से ऐसा ही मामला सामने आया था। यहां डॉक्टर ने 2 घंटे तक ऑपरेशन करके 32 वर्षीय विजय के पेट से करीब 62 स्टील की चम्मचें निकाली थी। विजय के परिजनों ने बताया था, "विजय को नशे की लत थी, जिसे छुड़ाने के लिए उसे नशा मुक्ति केंद्र भेजा गया था। वहीं पर विजय को एक साल से स्टील की चम्मचें खिलाई जा रही थी।"